Road Accident Deaths in UP: कब सुधरेगें? मौतों का आंकड़ा 16 प्रतिशत बढ़ा

Road Accident Deaths in UP: उत्तर प्रदेश के लखनऊ और आसपास के जिलों में इस साल सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा 16 प्रतिशत बढ़ गया है। ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और सड़क सुरक्षा उपायों की कमी इसके मुख्य कारण हैं।

Road Accident Deaths in UP: उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत छह जिलों में इस साल सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में 16 प्रतिशत की चिंता बढ़ाने वाली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में हादसों और मौतों की संख्या में असामान्य वृद्धि देखी गई है। लखनऊ में हादसों की संख्या सात प्रतिशत बढ़ी है जबकि मौतों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

केंद्रीय जिले रायबरेली में मौतों का आंकड़ा 58.9 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जो इस अवधि के दौरान सबसे अधिक है। इसके अलावा, हरदोई में हादसों और मौतों में क्रमशः 21.8 और 41.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्नाव, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और अन्य जिलों में भी दुर्घटनाओं और मौतों में काफी इजाफा हुआ है। लखीमपुर में मौतों में कुछ कमी आई है लेकिन घायलों और हादसों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भारी पर रही

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कहा कि अधिकांश दुर्घटनाएं ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, बेकाबू रफ्तार और सड़क किनारे गाड़ी खराब खड़े करने जैसी असावधानियों के कारण होती हैं। उन्होंने ब्लैकटॉप और डिवाइडर की मरम्मत पर भी जल्द काम करने की बात कही।

विशेषज्ञों ने गुड समरिटन योजना के तहत दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वालों को सम्मानित करने और अस्पतालों में कैशलेस उपचार सुविधा बढ़ाने की भी मांग की है। इसके अलावा, हाईवे पर अनधिकृत पार्किंग पर नियंत्रण और स्कूलों के वाहनों की फिटनेस जांच को कड़ा करने की आवश्यकता बताई गई है।

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर अभी भी कई चुनौतियां सामने हैं, और मृतकों की संख्या को कम करने के लिए सुधारात्मक कदम जरूरी हैं।

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