दिल्ली के लाल किले के पास हुए भयावह ब्लास्ट के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। इसी सिलसिले में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने 15 संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है। इस अभियान का मकसद दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े आतंकी नेटवर्क और संबंधित लोगों को पकड़ना है। जांच एजेंसियों के अनुसार, इन छापों के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और संदिग्धों से जुड़े सुराग बरामद हुए हैं, जिससे जांच को बड़े स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है।
दिल्ली ब्लास्ट में कुल 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है, जिसमें मुख्य संदिग्ध आतंकी उमर मोहम्मद भी शामिल बताया गया है। DNA जांच और अन्य वैज्ञानिक साधनों की सहायता से पुलिस ने पुष्टि की है कि i20 कार चलाने वाला वही आतंकी उमर था। इस बड़ी कार्रवाई के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों के खिलाफ अभियान और तेज कर दिया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी के दौरान कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की है। इन स्थानों पर आतंकियों की गतिविधियों, उनके वित्तीय नेटवर्क और कथित हथियारों के भंडारण की विस्तार से जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों के नेटवर्क को तोड़ने और वक्त रहते संभावित हमलों को रोकने के लिए यह छापेमारी बेहद जरूरी थी।
आतंकवाद रोधी एजेंसियों का पूरा ध्यान जम्मू-कश्मीर में ऐसे नेटवर्क्स पर है, जो देश के अन्य हिस्सों में भी दहशतगर्दी फैला सकते हैं। दिल्ली ब्लास्ट के बाद केंद्रीय एजेंसियां लगातार राज्य पुलिस के साथ मिलकर इन संगठनों पर शिकंजा कस रही हैं। लोगों से अपील की गई है कि सुरक्षा संबंधी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना दें।





