Sharmistha Mukherjee ने किसको कहा ,बाबा का स्मारक बनाए जाने के फैसले का तह-ए-दिल से शुक्रिया और आभार

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद उनके द्वारा प्रणब मुखर्जी के लिए स्मारक बनाए जाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला बिना किसी मांग के लिया गया,यह वक्त उनके लिए बड़ी खुशी का है। सरकार ने स्मारक के लिए राजघाट परिसर में स्वीकृति दी है।

Sharmistha Mukherjee meeting PM Modi

Sharmistha Mukherjee meeting PM Modi : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, और इस दौरान कुछ खास बातें साझा कीं। शर्मिष्ठा ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट की। उन्होंने पीएम मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए लिखा, माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। पीएम नरेंद्र मोदी जी और उनकी सरकार को मेरे बाबा के लिए स्मारक बनाए जाने के फैसले के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया और आभार।

हमने मांग नहीं की थी

शर्मिष्ठा ने आगे कहा, हमने इसकी मांग नहीं की थी, लेकिन इसके बावजूद यह फैसला लिया गया। प्रधानमंत्री के इस अप्रत्याशित लेकिन शालीन भाव से मैं बहुत अभिभूत हूं। उन्होंने यह भी कहा, बाबा हमेशा कहते थे कि राजकीय सम्मान नहीं मांगना चाहिए, यह सम्मान मिलना चाहिए। मैं बहुत आभारी हूं कि पीएम मोदी ने बाबा की याद में ऐसा किया। शर्मिष्ठा ने बताया कि भले ही यह स्मारक उनके लिए मायने रखता है, लेकिन उनके पिता, स्वर्गीय प्रणब

स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी को सम्मान

मुखर्जी के लिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि वह जहां हैं, वहां न तो तारीफ का कोई महत्व है और न ही आलोचना का। फिर भी, अपनी खुशी और आभार को शब्दों में बयां करना उनके लिए मुश्किल था।

स्मारक के लिए सरकार ने दिया आदेश

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया जिसमें बताया गया कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति, स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की समाधि को “राष्ट्रीय स्मृति” परिसर के भीतर स्थापित करने के लिए एक स्थान को मंजूरी दी गई है। यह स्थान राजघाट परिसर का एक हिस्सा होगा। शहरी और आवास मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में यह बताया गया कि सक्षम प्राधिकारी ने इस स्थल को स्वीकृति दी है ताकि प्रणब मुखर्जी की समाधि को वहां स्थापित किया जा सके।

इस निर्णय के बाद से शर्मिष्ठा मुखर्जी और उनके परिवार के लिए यह एक भावुक पल था, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी दबाव के और बिना किसी मांग के यह महत्वपूर्ण कदम उठाया। यह प्रणब मुखर्जी के योगदान और देश के प्रति उनके समर्पण की एक महत्वपूर्ण पहचान के रूप में देखा जा सकता है

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