Shravasti में पांच जिंदगियां निगल गया एक रहस्य: क्या बंद दरवाज़े के पीछे छिपी है कातिल की पहचान?

श्रावस्ती में एक ही परिवार के पाँच लोगों की मौत से सनसनी फैल गई है। बेडरूम में पति फंदे पर लटका मिला, जबकि पत्नी और तीन बच्चों के शव नीचे पड़े थे। पुलिस ने सभी साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन बंद कमरे की यह घटना एक क्रूर क्राइम थ्रिलर की तरह लग रही है, जिसकी गुत्थी अभी सुलझनी बाकी है।

Shravasti

Shravasti Crime: उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में एक भयावह त्रासदी ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है, जहाँ एक ही परिवार के पाँच सदस्यों के शव उनके घर के अंदर मिले हैं। यह कोई सामान्य मौत नहीं, बल्कि बंद कमरे का एक ऐसा खूनी रहस्य है, जिसने पुलिस और फॉरेंसिक टीमों को उलझा दिया है। शुक्रवार की सुबह, इकौना क्षेत्र के लियाकत पुरवा गांव में जब रोज अली (32) के घर का दरवाज़ा नहीं खुला, तो परिवार की बहन रुबीना ने खिड़की से झाँककर जो देखा, वह किसी दुःस्वप्न से कम नहीं था।

कमरे के भीतर रोज अली का शव फंदे से झूल रहा था, जबकि उनकी पत्नी शहनाज (30) और उनके तीन मासूम बच्चों—तबस्सुम (6), गुलनाज (4) और मुईन अली (1.5 वर्ष)—के शव चारपाई पर पड़े थे। डेढ़ साल बाद मुंबई से घर लौटे इस परिवार की अचानक मौत ने गाँव में मातम के साथ-साथ एक गहरा सन्नाटा फैला दिया है। यह सवाल हर किसी की जुबान पर है: क्या यह सामूहिक आत्महत्या है, या किसी गहरे षड्यंत्र का नतीजा?

मौत का मंजर और प्रारंभिक जांच

जिस कमरे में पाँच ज़िंदगियाँ ख़त्म हुईं, वह अंदर से बंद था। ग्रामीणों ने दरवाज़ा तोड़ा तो सामने का दृश्य दिल दहलाने वाला था। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शुरुआती जाँच में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रोज अली ने किसी ज़हरीले पदार्थ से पत्नी और बच्चों की हत्या की और फिर खुद फांसी लगा ली। परिजनों ने खुलासा किया है कि गुरुवार शाम को पति-पत्नी के बीच “कुछ कहा-सुनी” हुई थी, लेकिन वे इसे किसी बड़े विवाद का नाम नहीं देते।

Shravasti फॉरेंसिक टीम ने कमरे के हर कोने की बारीकी से जाँच की है—बर्तन, गिलास, दवाइयाँ और बिस्तर से नमूने एकत्र किए गए हैं। अधिकारी इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि क्या बच्चों और पत्नी को कोई विषैला पेय या भोजन दिया गया था। क्या रोज अली, जो डेढ़ साल बाद मुंबई से लौटा था, किसी गंभीर आर्थिक या मानसिक दबाव में था? ये वो सवाल हैं जो इस मामले को आत्महत्या से कहीं ज़्यादा, एक सोची-समझी हत्या की तरफ इशारा कर रहे हैं।

अनसुलझे सवाल और साजिश की आहट

Shravasti पुलिस अधीक्षक (SP) के नेतृत्व में एक विशेष टीम मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है। मौत की वजह अभी भी स्पष्ट नहीं है, और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार है, जिसके बाद ही ज़हर के इस्तेमाल की पुष्टि हो पाएगी।

जाँच में कई सवाल खड़े हो गए हैं:

  • हत्या या आत्महत्या? यदि यह सामूहिक आत्महत्या थी, तो बच्चों को पहले ज़हर क्यों दिया गया?

  • दरवाज़ा बंद: दरवाज़ा अंदर से बंद होने का मतलब क्या है? क्या यह रोज़ अली के खुदकुशी करने की पुष्टि करता है, या फिर कमरे को “बंद” करने के लिए किसी बाहरी व्यक्ति ने सावधानी बरती?

  • आर्थिक तंगी: क्या मुंबई से लौटने के पीछे कोई ऐसी मजबूरी थी जिसके कारण रोज़ अली ने यह भयानक कदम उठाया?

Shravasti पुलिस हर पहलू पर गहराई से जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या यह घटना पारिवारिक तनाव, आर्थिक संकट, या किसी बाहरी दुश्मनी का परिणाम है। इस खूनी पहेली का अंतिम सच, शायद पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जाँच के नतीजों के साथ ही सामने आएगा।

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