चांदी की कीमतों में इस वक्त जोरदार उछाल देखने को मिला है, जिससे निवेशकों और खरीदारों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है। नवंबर 2025 में चांदी की कीमतें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में तेजी के साथ ₹1.70 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसके पीछे कई आर्थिक और बाजार कारक जिम्मेदार हैं, जो इस धातु की मांग और उपलब्धता को प्रभावित कर रहे हैं।
सबसे पहले, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों का उतार-चढ़ाव इस उछाल का प्रमुख कारण है। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद के चलते निवेशक चांदी को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर देख रहे हैं। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक तनाव भी निवेशकों को कीमती धातुओं की ओर आकर्षित कर रहे हैं।
भारत में भी चांदी की मांग में खासा इजाफा हुआ है। त्योहारी मौसम के चलते उपभोक्ता गहनों, चांदी के सिक्कों और बर्तन की खरीदारी बढ़ी है। ट्रेडिंग हब जैसे दिल्ली, मुंबई, और कोलकाता में चांदी की कीमतों में उछाल है। 13 नवंबर 2025 की ताजा जानकारी के अनुसार चांदी का भाव ₹1,72,000 प्रति किलोग्राम के आसपास बना हुआ है, जो पिछले कुछ दिनों से बढ़त पर है.
इसके अतिरिक्त, चांदी की सप्लाई में कमी भी इस बढ़ोतरी को प्रभावित कर रही है। भारतीय बाजार में आयात पर निर्भरता अधिक है, और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी के कारण चांदी महंगी हुई है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और खनन उत्पादन सीमित होने से भी कीमतों पर दबाव पड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ये हालात ऐसे ही बने रहते हैं, तो निकट भविष्य में चांदी की कीमत ₹1.70 लाख प्रति किलोग्राम को पार कर सकती है। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, इसलिए निवेशकों को सतर्कता अपनानी चाहिए और उचित समय पर खरीदारी करने की सलाह दी जाती है।


