Mohibullah Nadvi : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी को अपनी चौथी पत्नी को प्रति माह ₹30,000 का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। अदालत ने साथ ही यह भी स्पष्ट किया है कि यदि सांसद इस आदेश का पालन नहीं करते, तो उन्हें कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की पीठ ने बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक लगाते हुए मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट के मध्यस्थता केंद्र को भेज दिया है ताकि दोनों पक्ष बातचीत के ज़रिए आपसी समझौते पर पहुंच सकें। अदालत ने कहा कि यह वैवाहिक विवाद आपसी संवाद और मध्यस्थता से सुलझाया जा सकता है, इसलिए पहले उस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।
सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने आगरा की परिवार अदालत के अपर प्रधान न्यायाधीश द्वारा 1 अप्रैल 2024 को दिए गए आदेश को चुनौती देते हुए यह पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान सांसद के वकील ने कहा कि यह मामला पारिवारिक विवाद से संबंधित है और उनके मुवक्किल इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाना चाहते हैं। अदालत ने तीन महीने की मोहलत देते हुए सांसद को ₹55,000 की राशि अदालत में जमा करने का निर्देश दिया है, जिसमें से ₹30,000 मासिक रूप से पत्नी को गुजारा भत्ता के तौर पर देना होगा।
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हाई कोर्ट ने 11 सितंबर के अपने आदेश में यह भी चेतावनी दी कि यदि याचिकाकर्ता समय पर यह राशि जमा नहीं करते या मध्यस्थता प्रक्रिया विफल रहती है, तो उन्हें दिए गए सभी अंतरिम राहत आदेश स्वतः निरस्त माने जाएंगे। अदालत का यह रुख साफ दर्शाता है कि वह मामले को बातचीत के ज़रिए सुलझाने की पक्षधर है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि पत्नी को उसका वैधानिक अधिकार समय पर मिले।