National Sports Policy : मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक आज शुरू हो चुकी है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार सनराइज सेक्टर्स को बढ़ावा देने के लिए 20,000 से 22,000 करोड़ रुपये के रिसर्च एंड डेवलपमेंट पैकेज को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इस फंडिंग का उद्देश्य न केवल अनुसंधान और नवाचार को गति देना है, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी मजबूत आधार प्रदान करना है।
इसके साथ ही, बैठक में राष्ट्रीय खेल नीति को मंजूरी मिलने की भी प्रबल संभावना है। इस नीति के तहत खेल मंत्रालय की कई नई योजनाओं को हरी झंडी मिल सकती है, जिससे देश में खेलों के बुनियादी ढांचे और खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार हो सकेगा।
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भारत-जापान कार्बन क्रेडिट समझौते पर नजर
कैबिनेट की आज की बैठक में भारत और जापान के बीच कार्बन क्रेडिट को लेकर एक समझौता (MoU) भी चर्चा के केंद्र में रह सकता है। इस प्रस्तावित करार का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करना है, जिससे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। अगर इन प्रस्तावों पर मंजूरी मिलती है, तो यह फैसले देश के आर्थिक, पर्यावरणीय और खेल विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
: मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक आज शुरू हो चुकी है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार सनराइज सेक्टर्स को बढ़ावा देने के लिए 20,000 से 22,000 करोड़ रुपये के रिसर्च एंड डेवलपमेंट पैकेज को मंजूरी देने पर विचार कर रही है। इस फंडिंग का उद्देश्य न केवल अनुसंधान और नवाचार को गति देना है, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को भी मजबूत आधार प्रदान करना है।
इसके साथ ही, बैठक में राष्ट्रीय खेल नीति को मंजूरी मिलने की भी प्रबल संभावना है। इस नीति के तहत खेल मंत्रालय की कई नई योजनाओं को हरी झंडी मिल सकती है, जिससे देश में खेलों के बुनियादी ढांचे और खिलाड़ियों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार हो सकेगा।
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भारत-जापान कार्बन क्रेडिट समझौते पर नजर
कैबिनेट की आज की बैठक में भारत और जापान के बीच कार्बन क्रेडिट को लेकर एक समझौता (MoU) भी चर्चा के केंद्र में रह सकता है। इस प्रस्तावित करार का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करना है, जिससे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। अगर इन प्रस्तावों पर मंजूरी मिलती है, तो यह फैसले देश के आर्थिक, पर्यावरणीय और खेल विकास के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।