Sourav Ganguly : बाएं हाथ के शानदार बल्लेबाज और भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज भी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में चूके हुए शतकों का मलाल करते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 38 शतक लगाने वाले गांगुली को यह आंकड़ा संतोषजनक नहीं लगता। उन्होंने 311 वनडे और 113 टेस्ट मैचों में कुल 18,575 रन बनाए, लेकिन उन्हें लगता है कि वह इससे भी बेहतर कर सकते थे।
हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यु में गांगुली ने अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा कि उन्हें कई बार ऐसा लगा कि वे शतक के बेहद करीब पहुंचकर चूक गए। उन्होंने कहा, “मैंने कई बार 90 और 80 के स्कोर तक पहुंचकर अपना विकेट गंवा दिया। मुझे और भी ज्यादा रन बनाने चाहिए थे।”
गांगुली के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं। उन्होंने 30 बार ऐसे मौके गंवाए जब वह 80 रन का आंकड़ा पार कर चुके थे लेकिन शतक तक नहीं पहुंच पाए। अगर वे इन अवसरों को भुना पाते, तो उनके नाम 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शतक दर्ज होते।
2008 में गांगुली ने लिया था संन्यास
गांगुली ने 2008 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने के बाद क्रिकेट से संन्यास लिया था। हालांकि आज भी वह पुरानी यादों में लौट जाते हैं, खासकर जब वह अकेले होते हैं। उन्होंने कहा, “जब मेरी पत्नी सना घर पर नहीं होती, जो कि लंदन में रहती हैं, तब मैं अकेले में यूट्यूब पर अपनी पुरानी पारियां देखता हूं। तब सोचता हूं कि फिर 70 पर आउट हो गया… शतक बन सकता था। लेकिन अब क्या किया जा सकता है।”
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गांगुली ने अपने करियर में वनडे में 72 और टेस्ट में 35 अर्धशतक लगाए। कई बार वह इन अर्धशतकों को शतकों में नहीं बदल पाए, जो अब उन्हें खलता है। लेकिन इसके बावजूद वह भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली और प्रेरणादायक खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं। उनकी यह ईमानदारी और आत्ममंथन यह दिखाता है कि एक महान खिलाड़ी के लिए भी अपने अधूरे सपने हमेशा एक टीस बनकर रह जाते हैं।