महाराष्ट्र। आज भी देश में अंधविश्वास की जड़े इस कदर मजबूत हैं कि लोग जाने-अनजाने में उस में फंस ही जाते है। जिसके चलते कई आपराधिक घटानाएं भी सामने आती है। शासन प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी अंधविश्वास का ये खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा। लेकिन अब इस अंधविश्वास के खेल को रोकने का बीड़ा 54 साल के एक युवक ने उठाया है।
श्मशान घाट में किया जश्न का आयोजन
दअसल युवक ने अंधविश्वास को दूर करने के लिए एक व्यक्ति ने श्मशान में अपना जन्मदिन मनाया है। यह मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण कस्बे का है। जहां के एक निवासी ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास के खिलाफ लोगों को संदेश देने के लिए श्मशान घाट में अपना जन्मदिन मनाया। व्यक्ति का नाम गौतम रत्न मोरे है। वह19 नवंबर को 54 साल के हुए है।
इस साल उन्होंने अपना जन्मदिन मनाने के लिए शनिवार रात महाणे श्मशान घाट में एक जश्न का आयोजन किया। जिसमें मेहमानों ने भी शिरखत की। इस दौरान उन्हें बिरयानी और केक परोसा गया। इस पार्टी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। जिसमें लोग गौतम रत्न मोरे के जन्मदिन का जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं
100 से अधिक मेहमानों ने की शिरखत
वहीं मोरे का कहा कि उसने ऐसा करने के लिए जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत सिंधुताई सपकाल और दिवंगत नरेंद्र दाभोलकर से प्रेरणा ली है। इन दोनों कार्यकर्ताओं ने काले जादू और अंधविश्वास के खिलाफ अभियान छेड़ा था। वह लोगों को ये संदेश भी देना चाहते थे कि दुनिया में भूत-प्रेत कुछ नहीं होते हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनके जन्मदिन समारोह में 40 महिलाओं और बच्चों सहित 100 से अधिक मेहमानों ने शिरखत की थी।