लखनऊ। यूपी के बांदा जिले में एक दलित युवक की हत्या के मामले में कोर्ट ने 31 वर्षो के बाद दो सगे भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इतने वर्षो के बाद पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला है। हत्या करने वाले दोनों अब बूढ़े हो चुके हैं। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी दो सगे भाइयों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही 60 हजार का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के सरकारी वकील ने मामले की पुष्टि की है।
1992 में पीड़ित महिला ने दर्ज करवाया था केस
बता दें कि, बबेरू थाने के भदेहदु गांव में साल 1992 में एक महिला ने केस दर्ज कराया था। शिकायत में महिला ने बताया था कि वह अपने पति के साथ खेत में फसल काट रही थी। उसी समय गांव के दो सगे भाइयों ने मवेशी खेत मे छोड़ दिए। लाख मना करने पर गाली-गलौज किया और पति के सिर में लाठी डंडों से हमला कर घायल कर दिया। मौके पर उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने जांच की और साथ ही आरोप पत्र कोर्ट में भी दाखिल किया।
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उम्रकैद के बाद दोनों पर 60,000 का जुर्माना
गौरतलब है कि इस मामले में अभियोजन ने 7 गवाहों को पेश किया। इस केस को लेकर तारीख पर तारीख पड़ी। कई न्यायाधीश बदल गए। केस ट्रायल में आने के बाद से ही दोनों पक्षों में बहस और दलीलों के बाद दोनों भाइयों को विशेष न्यायाधीश ने दोषी करार दे दिया। कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ-साथ 60 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
1992 में बबेरू के भदेहदु गांव का है पूरा मामला
कोर्ट के सरकारी वकील विजय बहादुर सिंह ने बताया कि साल 1992 में बबेरू के भदेहदु गांव का मामला है, जिसमें वादी के पति को लाठी डंडों से घायल कर दिया था। अस्पताल में इलाज के समय उसकी मौत हो गई थी। मामले में हाई कोर्ट से स्टे था। करीब 400 से ज्यादा तारीखें पड़ी होंगी। कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों भाइयों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है।