नई दिल्ली। कुंडा विधायक राजा भैया के बेहद करीबी माने जाने वाले निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह को फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.फिलहाल उन्हें आज जमानत दे दी गई है।
अक्षय प्रताप को जिला कारागार लाकर इसी बैरक में रखा गया
राजा भैया के बेहद करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल का नया और अस्थायी पता है प्रतापगढ़ जिला जेल की बैरक नंबर ग्यारह। बुधवार को सात साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अदालत से अक्षय प्रताप को जिला कारागार लाकर इसी बैरक में रखा गया है।
कुंडा विधायक राजा भैया के बेहद करीबी माने जाने वाले निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल का नया और अस्थायी पता है प्रतापगढ़ जिला जेल की बैरक नंबर ग्यारह। बुधवार को सात साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अदालत से अक्षय प्रताप को जिला कारागार लाकर इसी बैरक में रखा गया है। इस बैरक में रखने के पीछे सुरक्षा कारण बताया गया है। यह जानकारी जेलर आरपी चौधरी ने दी। वहीं कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह बुधवार को अदालत में सजा सुनाए जाने के दौरान सिविल लाइंस स्थित कोठी में थे। वह वहीं से कोर्ट के फैसले के बारे में समर्थकों के संपर्क में थे।
जिला जज की अदालत में करेंगे अपील
फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में एमपीएमएल कोर्ट व सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के विशेष न्यायाधीश बलराम दास जायसवाल द्वारा अक्षय प्रताप सिंह को सुनाई गई सजा के विरोध में गुरुवार को जिला जज की अदालत में उनके अधिवक्ता अपील दायर करेंगे। अक्षय प्रताप सिंह के अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि अपील के साथ ही जमानत अर्जी भी जिला जज के कोर्ट में दायर की जाएगी,
दीवानी न्यायालय परिसर में रही गहमागहमी…
निवर्तमान एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी को दोपहर दो बजे कोर्ट में लाए जाने के पहले समर्थकों का दीवानी न्यायालय परिसर में जमावड़ा लग गया था। निवर्तमान एमएलसी के मीडिया मुक्कू ओझा, पूर्व प्रमुख बबलू सिंह, पूर्व प्रमुख विनय सिंह, जूनियर बार के पूर्व अध्यक्ष जेपी मिश्रा, बंटी सिंह सैकड़ों की संख्या में समर्थक व अधिवक्ता दीवानी न्यायालय परिसर में मौजूद थे।
एहितयातन फोर्स रही मुस्तैद
अक्षय प्रताप सिंह को कोर्ट में लाए जाने के पहले ही सीओ सिटी अभय पांडेय, एएसपी पूर्वी सुरेंद्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ दीवानी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। पीडब्ल्यूडी तिराहे पर स्थित मुख्य गेट से अक्षय प्रताप सिंह को कोर्ट में लाया जाना था, ऐसे में अधिवक्ताओं को छोड़कर मुख्य गेट से प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जा रही थी।
(मनू सिंह)