दूध ब्रांड नंदिनी को लेकर के राजनितीक माहौल काफी गर्मा गया है। वहीं अब इस माहौल ने एक नया मोड़ पकड़ना शुरू कर दिया है। जिसके चलते कर्नाटक के फेमस ब्रांड मिल्मा और नंदिनी कंपनी के बीच सियासत माहौल गर्मा गया है। बता दें नंदिनी कंपनी की एंट्री के बाद से मिल्मा चलाने वाले को-ऑपरेटिव ब्रांड मिल्क फेडरेशन नाराज हो गया है। विपक्ष द्वारा इसे लेकर के काफी हलचल दिखाई दे रही है जिसे लेकर के कहा जा रहा है कि अब नंदिनी ब्रांड केरल के मिल्मा दूध ब्रांड को खत्म करने की साजिश रच रही है। ऐसे में कंपनी के आउटलेट खुलने की भी खबर सामने आई है।
बताया जा रहा है कि केरल में Nandini कंपनी के कुछ आउटलेट खुलने के साथ-साथ पूरे राज्य में विस्तार की बात कही है। अब इस घोषणा के बाद से ही एक बार फिर बवाल शुरू होने लगा है। वहीं केरल सहकारी समिति में 15 लाख डेयरी किसान सदस्य और 3,000 से अधिक सहकारी समितियां हैं। इस पूरे मामले में मिल्मा के अध्यक्ष केएस मणि का कहना है कि कुछ राज्यों की कंपनियों में अपनी सीमा से बाहर उत्पाद बेचने की प्रवृत्ति बढ़ रही है. जो संघीय सिद्धांतों और सहकारी भावना का उल्लंघन है। यह कदम सहकारिता की भावना के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
मिल्मा के अध्यक्ष केएस मणी ने अपनी बात में आगे कहा कि जब अमूल के अपने राज्य में उत्पाद बेचने के फैसले का कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने विरोध किया था, तो केरल में ‘नंदिनी’ के प्रवेश को कैसे उचित ठहराया जा सकता है? जब केरल में दूध की कमी होती है, तो हम कर्नाटक से थोक में दूध खरीदते हैं. कई मौकों पर हम नंदिनी से एक दिन में 2 लाख लीटर दूध तक खरीदते हैं, लेकिन कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का यह कदम किसी भी लिहाज से उचित नहीं है।