श्रद्धा हत्याकांड पर भी अब सियासत शुरू हो गई है। हाल ही में AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी का एक बयान सामने आया है। दरअसल उन्होंने कहा कि श्रद्धा का मर्डर लव जिहाद का केस नहीं है। बीजेपी इस मालमे को धर्म के एंगल से देख रही है।
श्रद्धा हत्याकांड को मजहबी रंग दे रही BJP
बता दें कि ओवैसी ने असम के सीएम हिमंत बिश्व शर्मा के द्वारा गुजरात में अपनी जनसभाओं के दौरान श्रद्धा हत्याकांड पर दिए जाने वाले बयान पर ऐतराज जताया। जहां एक तरफ ओवैसी ने इसे लव जिहाद का रूप देने पर नाखुशी व्यक्त की तो वहीं भोपाल की सासंद प्रज्ञा ठाकुर ने श्रद्धा हत्याकांड को लव जिहाद का मामला कहा है।
बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में श्रद्धा मर्डर केस ए क राजनीतिक मुद्दा बन गया है। इन राजनीतिक बयानों के बीच AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी इस हत्याकांड को मजहबी रंग दे रही है। ओवैसी ने कहा कि यह लव जिहाद का मामला न होकर एक महिला पर जुल्म और उसकी हत्या का केस है। हम इसे इसी नजरिए से देखना चाहिए। अगर इस मजहब का चश्मा लगाकर देखेंगे तो यह नाइंसाफी होगी।
सियासी रोटी सेंक रही बीजेपी
उन्होंने आगे कहा कि यदि ये लव जिहाद का केस है तो फिर आजमगढ़ में प्रिंस यादव का केस क्या था। वहीं दिल्ली में एक माता पिता ने ही अपनी बेटी को इंटरकास्ट मेरिज करने के मामले में हत्या करके लाश को फेंक दिया। इसको क्या कहेंगे। ऐसे कई वाकयात मैं आपको सुना सकता हूं। बीजेपी बस सियासी रोटी सेंकती है।
हिंदू लड़कियां भावुक होती हैं
गौरतलब है कि असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने अपनी गुजरात की जनसभाओं के दौरान श्रद्धा हत्याकांड पर बेबाक बयान दिए हैं। उन्होंने श्रद्धा हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा था कि देश को ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक सख्त कानून बनाने की जरूरत है। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आफताब ने श्रद्धा को मारकर उसके शरीर के 35 टुकड़े किए। जब पुलिस ने पूछाताछ के दौरान आफताब से कहा कि वह केवल हिंदू लड़कियों को ही क्यों लाता था। तो इसपर उसने कहा कि हिंदू लड़कियां भावुक होती हैं।