Bamboo Airport Terminal: भारत में कई शानदार और आधुनिक एयरपोर्ट टर्मिनल हैं, लेकिन अब देश ने एक ऐसा अनोखा रिकॉर्ड बना लिया है, जो पूरी दुनिया का ध्यान खींच रहा है। पहली बार भारत में किसी एयरपोर्ट टर्मिनल का निर्माण सिर्फ बांस की लकड़ी से किया गया है। यह कोई छोटा प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक बड़ा और पूरी तरह आधुनिक टर्मिनल है। इस टर्मिनल के निर्माण में करीब 140 मीट्रिक टन बांस की लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस खास टर्मिनल का उद्घाटन करने वाले हैं।
कहां बना है यह खास टर्मिनल?
यह अनोखा टर्मिनल असम की राजधानी गुवाहाटी में स्थित गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बनाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 दिसंबर को अपने असम दौरे के दौरान इसका उद्घाटन करेंगे। यह टर्मिनल करीब 1.4 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी क्षमता हर साल लगभग 1.3 करोड़ यात्रियों को संभालने की है।
इसके साथ ही एयरपोर्ट के रनवे, टैक्सीवे और एयरफील्ड सिस्टम को भी नया रूप दिया गया है, जिससे आने वाले समय में एयरपोर्ट की काम करने की क्षमता लगभग दोगुनी हो जाएगी।
क्यों चुना गया बांस?
बांस को पर्यावरण के लिए सुरक्षित और टिकाऊ माना जाता है। यह जल्दी उगने वाला प्राकृतिक संसाधन है और मजबूत भी होता है। असम और पूर्वोत्तर भारत में बांस की भरपूर उपलब्धता है, इसलिए इसे स्थानीय पहचान से जोड़ने के लिए चुना गया। बांस के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन कम होता है और यह इको-फ्रेंडली निर्माण का बेहतरीन उदाहरण है।
असम की संस्कृति की झलक
इस टर्मिनल का डिजाइन देखते ही असम की संस्कृति और परंपरा का अहसास होता है। बाहर से इसका आर्क शेप डिजाइन काफी आकर्षक है। खुले स्पेस, बांस का प्राकृतिक रंग और सादगी यात्रियों को प्रकृति के करीब ले जाती है।
टर्मिनल के अंदर प्रवेश करते ही बांस से बने ऊंचे खंभे और छतें नजर आती हैं, जो पारंपरिक कारीगरी और
आधुनिक डिजाइन का सुंदर मेल दिखाती हैं।
‘शहर में जंगल’ जैसा अनुभव
इस टर्मिनल को इस तरह तैयार किया गया है कि यात्रियों को अंदर भी प्राकृतिक माहौल महसूस हो। जगह-जगह पौधे लगाए गए हैं, जिससे यहां ‘शहर के बीच जंगल’ जैसा अनुभव मिलता है। रात के समय जब रोशनी जलती है, तो बांस का यह डिजाइन किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से कम नहीं लगता। इस टर्मिनल का डिजाइन मशहूर काजीरंगा नेशनल पार्क से प्रेरित बताया जा रहा है, जो असम की पहचान है।


