बिहार की सियासत में उठापठक जारी है। हालांकि नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ कर लालटेन की कमान हाथ में ले ली है। इसके साथ ही राजनीतिक जानकारों का दावा है कि नीतीश कुमार को अब 164 MLA का साथ भी मिल गया है। पूरा विपक्ष नीतीश के साथ है। लेकिन फिर भी राजनीतिक तापमान उफान पर है।
दरअसल JDU ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि बीजेपी पार्टी उनके विधायकों को तोड़ने के लिए 6-6 करोड़ रुपये और मंत्री पद का लालच दे रही थी।
हालांकि कुछ दिनों पहले ही गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार ही बिहार में गठबधंन का चेहरा रहेंगे। लेकिन नीतीश कुमार को ऐसा लगता है कि बिहार बीजेपी के नेता उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड को तोड़ना चाहते हैं। और इसके लिए बीजेपी विधायकों को 6 करोड़ रूपए और मंत्री पद का लालच दे रही है।
वहीं जानकारी के मुताबिक इससे जुड़ी काल रिकार्डिंग भी नीतीश कुमार के हाथ लगी है। जिसके बाद से उन्होंने बीजेपी से अलग होने का मन बना लिया ।
पार्टी की सहमति से छोड़ दिया एनडीए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज जेडीयू सांसदों, विधायकों और पार्षदों की बैठक हुई। बैठक में सभी ने एनडीए छोड़ने की बात रखी गयी। इसके बाद सभी सांसदों, विधायकों और पार्षदों ने एनडीए छोड़ने पर सहमति जतायी। सबकी इच्छा थी बीजेपी से अलग होने की और फैसला ले लिया गया।
उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गये फैसले के बाद उन्होंने एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे पद से अपना इस्तीफा यहां राजभवन में आकर राज्यपाल फागू चौहान को सौंप दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
राजभवन से निकलने के बाद सबसे पहले नीतीश कुमार सरकारी आवास गये। इसके बाद उन्होंने राबड़ी आवास में राबड़ी देवी से मुलाकात की। उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। यहां से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सीएम आवास के लिए निकल चुके है।
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