बिहार में महागठबंधन सरकार का गठन हो चुका है। लेकिन आज सरकार को फ्लोर टेस्ट पास करना है। आज आयोजित किए गए विशेष सत्र के दौरान नई महागठबंधन सरकार शक्ति प्रदर्शन करेगी। लेकिन इसी बीच बड़ी खबर सामने आई है कि विधान सभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ कई आरोप लगाए गए।
विधानसभा में हुआ हंगामा
जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। आपको बता दें कि महागठबंधन के पास बहुमत के आंकड़े (122) से अधिक यानी 164 विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास 76 विधायक हैं। अब नीतीश सरकार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना है।
जिसके बाद विधानसभा में भारी हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही आज दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं इसी बीच बिहार में नीतीश सरकार के विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले SBI ने कथित लैंड फॉर जॉब स्कैम में दो आरजेडी सांसदों, एमएलसी समेत कई नेताओं के घर SBI ने छापेमारी की है।
लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी
CBI की अलग-अलग टीमें आज सुबह आरजेडी से राज्यसभा सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद, एमएलसी सुनील सिंह और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के आवास पर छापेमारी करने पहुंची। जानकारी के मुताबिक रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में CBI आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। दूसरी ओर, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार विधानसभा में आज बहुमत पेश करेगी।
इस दौरान विधानसभा में स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि इसलिए मैंने इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मैं जवाब देना चाहता था। दरअसल कल अविश्वास प्रस्ताव आने पर उन्होंने इस्तीफा देने से माना कर दिया था। विधानसभा के स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि वो नियम के तहत ही काम कर रहे हैं और हमेशा नियमों के तहत ही काम किया है। उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव असंवैधानिक है।
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