पटना। उपराष्ट्रपति ना बनने से नाराज होकर एनडीए छोड़ने के दावे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नकारते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति बनने की बात बोगस है। हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। ये बात उन्होंने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कही।
नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमलोगों की पार्टी ने पूरी तरह से एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया था। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही हमलोगों ने पार्टी की मीटिंग की। सुशील कुमार मोदी को उनकी पार्टी ने कुछ नहीं बनाया तो वे इस तरह की बात बोल रहे हैं। वे इतना मेरे खिलाफ बोलते रहें कि उनको जगह मिल जाए। उनलोगों के विषय में हमलोगों को कुछ भी नहीं कहना है ।
सीएम ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे। हमारी पार्टी के लोग उनके उम्मीदवारों को जिताने में लगे थे और वो लोग हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में लगे थे। हमारी पार्टी के लोगों की उनके साथ रहने की इच्छा नहीं थी।
सीएम ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के कहने पर हमने अपनी राह अलग चुनते हुए महागठबंधन के साथ आ गए हैं, मिलकर काम करेंगे। पूरी मजबूती के साथ हम विपक्ष के सभी लोग एकजुट होकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे। जो लोग पॉवर में है जितना प्रचार करना है करते रहें। मंत्रिमंडल के विस्तार पर सीएम ने कहा कि शीघ्र ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
इससे पहले सीएम ने आज शहीद दिवस के अवसर पर 11 अगस्त 1942 को आजादी के मतवाले सात अमर शहीद यथा उमाकांत प्रसाद सिंह, रामानन्द सिंह, सतीश प्रसाद झा, जगतपति कुमार, देवी प्रसाद चौधरी, राजेन्द्र सिंह, राम गोविन्द सिंह की दी गई कुर्बानियों को याद किया गया और उन्हें शत्-शत् नमन करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की।