गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार सातवीं बार चुनाव जीत लिया है। भाजपा ने 52 फीसदी वोट और 156 सीट हासिल करके इतिहास रच दिया है। बता दें कि भाजपा के लिए ये जीत मामूली नहीं है। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के 1980 में चुनावी राजनीति में आने के बाद की ये सबसे बड़ी जीत है।150 के टारगेट पर चल रही बीजेपी को गुजरात की जनता ने 156 सीटें दिला दी हैं।
वहीं इससे पहले कांग्रेस ने 1985 में माधव सिंह की अगुआई में 149 विधानसभा सीटें जीती थी फिर इसके बाद 2002 में नरेंद्र मोदी के सीएम रहते भाजपा को 127 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार भाजपा ने दोनों रिकॉर्ड तोड़ कर इतिहास रच दिया हैं। वहीं अगर दूसरी तरफ अगर विरोधियों की हार की बात करें तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ। पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 17 सीटेें ही मिलीं। पहली बार गुजरात चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी पांच सीटें जीतने में सफल हुई। निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स ने गुजरात में 4 सीटें जीतीं। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। चुनाव नतीजों में बिल्कुल यही नजर आया ।
गुजरात की जनता का PM Modi ने किया धन्यवाद
आपको बता दें कि गुजरात में बीजेपी की विराट जीत के बाद PM Modi ने गुजरात की जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- गुजरात आपका धन्यवाद। ऐसे नतीजे देखकर मैं अभिभूत हूं। लोगों ने विकास की राजनीति को अपना आशीर्वाद दिया बै और यह भी बता दिया है कि वे इस विकास को और भी तेजी से जारी रखना चाहते हैं। मैं गुजरात की जन-शक्ति के आगे सिर झुकाता हूं। उन्होंने कहा कि मैं बड़े-बड़े एक्सपर्ट को याद दिलाना चाहता हूं कि विकसित गुजरात से विकसित भारत का निर्माण होगा। गुजरात के नतीजों ने सिद्ध कर दिया है कि देश के सामने जब कोई चुनौती होती है तो जनता का भरोसा भाजपा पर होता है।
गांधीनगर में CM पद की शपथ लेंगे पटेल
गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से भूपेंद्र पटेल मुख्यमंत्री पद शपथ लेंगे और इस शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री आमित शाह शामिल होंगे।
जनता को भाजप पर भरोसा- CM भूपेंद्र पटेल
गुजरात में भाजपा की जीत के बाद CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो शक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है।
गुजरात में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के 7 कारण क्या है :-
1. मोदी को गुजरात वासियों ने अपने प्राइड से जोड़कर देखा
मोदी के नाम के पहले पीएम 2014 में लगा था। यानी 2014 में मोदी पीएम बने। गुजराती आज भी मानते हैं कि मोदी गुजरात में ही हैं। उन्हें वह अपने प्राइड से जोड़कर देखते हैं। गुजरात वासियों को लगता है कि मोदी ने गुजरात आकर कह8 दिया है तो अब इसके बाद किसी की बात सुनने की जरूरत नहीं। इस बार मोदी ने अहमदाबाद में सबसे लंबा 54 किलोमीटर का रोड शो किया था। वहीं तीन और रोड शो, साथ ही 31 सभाएं की। 95% इलाकों में बीजेपी को जीत मिली है, लेकिन ये कहना गलत होगा कि ये सिर्फ मोदी के दम पर है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।
2. बाहरी बनाम भीतरी का मुद्दा
गुजरात में बीजेपी की एक जीत का मुख्य कारण बाहरी बनाम भीतरी का मुद्दा रहा है। कांग्रेस कोई लोकल चेहरा नहीं खड़ा कर पाई और AAP अरविंद केजरीवाल के फेस पर ही गुजरात गई। इसीलिए पिछली बार से कम वोटिंग के बावजूद भाजपा को ऐतिहासिक वोट (52.5%) और (156) मिले।
3. आप पार्टी के मुफ्त के वादे पर नहीं बहका गुजरात
जनता से आप पार्टी ने बिजली बिल माफ, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और मुफ्त अच्छी शिक्षा देना का वादा कर रही थी आप पार्टी। लेकिन गुजरातियों को भाजपा ये समझाने में कामयाब रही कि मुफ्त का कुछ नहीं चाहिए। फिर भाजपा ने दिल्ली मॉडल के मुकाबले गुजरात मॉडल की वकालत की और उसे गुजरात प्राइड से जोड़ दिया। यानी गुजरात में मॉडल को गुजरातियों का मॉडल बना दिया।
4. AAP पार्टी कुछ हद तक गुजरात चुनाव में हुई कामयाब
जी नहीं, ऐसा नहीं है। आपको बता दें कि AAP की रणनीति का एक मुख्य हिस्सा था कि गुजरात में चुनाव के जरिए राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना जो कि करीब 13% वोट मिलने के साथ उसे ये दर्जा मिल जाएगा।
5. हिंदुत्व और विकास का पैकेज भी जीत का कारण
हिंदुत्व की प्रयोगशाला गुजरात से शुरू हुई थी। वहींं 2002 के गोधरा दंगों के बाद भाजपा ने हिंदुत्व के मुद्दे पर 127 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की ती। फिर 2003 में वाइब्रेंट गुजरात समिट की शुरुआत की। विकास का नया गुजरात मॉडल बनाया। फिर राम मंदिर, तीन तालाक और धारा 370 का खात्मा।
6. भाजपा ने खुद के दम पर जीता गुजरात चुनाव
भाजपा को ऐतिहासिक 53% वोट मिले हैं। ऐसे में सारे विपक्षी वोट किसी एक पार्टी को भी मिलते तो भी भाजपा को सरकार बनाने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन ऐसे में वोट शेयर और सीट कम जरूर हो जाती। वहीं साल 2017 में भाजपा का वोट शेयर 49% था, जो बढ़कर 53% हो गया है।
7. कांग्रेस का प्रचार नहीं कर पाया कमाल़
कांग्रेस ने पहले दिन से ही अपनी णनीति तैयार कर ली थीं। गांधी परिवार के सदस्य गुजरात के चुनाव प्रचार से दूर रहेंगे। राहुल ने भी एक दिन में सिर्फ दो सभाएं ही की। स्थानिय नेता और लोकल लेवल का प्रचार कांग्रेस की रणनीति थी, लेकिनलये पूरी तरह गलत साबित हुई। इससे ग्रामिण इलाकों में भी कांग3ेस बुरी तरह हारी, जो उसका गढ़ माना जाता था।