हमीरपुर जिले के जिला अस्पताल से बड़ा मामला सामने आया है। इंजेक्शन लगाने के बाद चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती बच्ची की तबियत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद बच्ची की शाम को मौत हो गई। मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। दरअसल परिजनों का आरोप है कि मासूम बच्ची को डॉक्टरों ने गलत इंजेक्शन लगाया जिसके बाद उसकी मौत हुई।

बता दें कि हमीरपुर जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती बच्चों को दोपहर में स्टाफ नर्स ने इंजेक्शन लगाया। वहीं इस दौरान बच्ची को ग्लूकोस की बोतलें लगाई गई थी। जिसके कुछ समय बाद ही बच्ची की हालत बिगड़ गई। उसी दिन शाम को बिवांर निवासी बच्ची अंबिका की मौत हो गई।

इसी बीच मृतका के मां प्रीति ने बताया कि निमोनिया होने पर बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उसकी छुट्टी होनी थी। लेकिन दोपहर में इंजेक्शन लगाने के बाद अचानक तबियत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे इमरजेंसी में ले जाया गया। जहां ऑक्सीजन लगाई गई। लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। तो वहीं डॉक्टर आशुतोष निरंजन का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन सही लगाया गया है।

उसकी वजह से बच्ची की मौत नहीं हुई है। बच्ची पहले से ही गंभीर हालत में यहां आई थी। दरअसल बच्ची को निमोनिया था। जिसके कारण 3 दिनों से उसका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा था। परिजनों से उसे रेफर करने के लिए कहा था लेकिन परिजन अस्पताल से नहीं ले गए। बच्ची की मौत के बाद परिजन भड़क उठे है। हालांकि अभी तक मामले की पुष्टि नहीं हो पाई है कि बच्ची की मौत बीमारी से हुई है या इंजेक्शन लगाने से।
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