प्रयागराज के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र की नारीबारी चौकी में तैनात दरोगा शैलेंद्र सिंह 11 मार्च 2015 के दिन एक मामले में गवाही के लिए कचहरी पहुंचे थे. कोर्ट जाते समय वकील नबी अहमद (उम्र 32) से उनकी किसी बात पर कहासुनी हो गयी. जिसपर उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह गुस्से में आकर गोली चला दी, और गोली अधिवक्ता नबी अहमद को जा लगी।
प्रयागराज कचहरी में 11 मार्च 2015 को हुई नबी अहमद की हत्या के मामले में रायबरेली के जिला जजअब्दुल शाहिद ने दरोगा शैलेंद्र सिंह दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की क़डी सजा सुनाई है। सजा के साथ ही जज अब्दुल शाहिद ने दरोगा शैलेंद्र सिंह पर 20 हजार का अर्थदण्ड भी लगाया है।
दरोगा की रिवॉल्वर से हुई फायरिंग
आपको बतादे कि 11 मार्च 2015 के दिन प्रयागराज (उस समय इलाहाबाद) के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र की नारीबारी चौकी में तैनात उप निरीक्षक शैलेंद्र सिंह एक मामले में गवाही के लिए कचहरी पहुंचे थे। अदालत में जाते वक्त अधिवक्ता नबी अहमद से उनकी किसी बात पर कहासुनी हो गई। कहासुनी के दौरान ही दरोगा शैलेंद्र सिंह ने अपनी सरकारी रिवॉल्वर से गोली चला दी, जो अधिवक्ता नबी अहमद के सीने में जा लगी। गोली के चलते ही वहां मौजूद अन्य अधिवक्ता भड़क गए और दरोगा शैलेंद्र की रिवॉल्वर छीनकर फायरिंग करने लगे।
वकीलो और पुलिस के बीच
फायरिंग के दौरान एक गोली कांस्टेबल अजय नागर को भी जा लगी। मम्फोर्डगंज चौकी में तैनात कांस्टेबल अजय नागर के गले में गोली जा लगी। जिसके बाद माहौल और भी ज्यादा अराजक हो गया। सभी अधिवक्ता इकठ्ठा होकर पथराव करते हुए एसएसपी दफ्तर की तरफ बढ़े. वकीलो के पथराव में सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और कई राहगीरों को भी चोटें आईं. उधर, जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अधिवक्ताओं को तितर-बितर करने की कोशिश की. इसके बाद तो दोनों तरफ से घंटों हगांमा चला जिसमें कई अधिवक्ता और पुलिसकर्मी घायल हुए. इस अफरातफरी के बीच घायल अधिवक्ता नबी अहमद को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। वकीलों के भारी आक्रोश के बाद दरोगा शैलेंद्र सिंह पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. उसकी गिरफ्तारी की गई. हाईकोर्ट के आदेश पर दरोगा का केस रायबरेली में ट्रांसफर हुआ। इसी मामले की सुनवाई में जिला जज ने आरोपी दारोगा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।