Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान -3 आज होगा लॉन्च, 2 बजे होगो लॉन्च

भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान -3 आज होगा लॉन्च, 2 बजकर 35 मिनट पर भरेगा उड़ान

भारत के तीसरा मून मिशन चंद्रयान -3 आज चाँद पर फतेह के लिए उड़ान भरेगा.  बतो दे कि, भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो आज चंद्रयान -3 की लॉन्चिंग करने जा रही है . इस मिशन को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सिथ्त सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा .वहीं इस मिशन को चंद्रयान -2 के फॉलोअप के तौर पर ही देखा जा रहा है .

LVM3-M4  रॉकेट से किया जाएगा लॉन्च

भारतीय मून मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च किया जा रहा है और लॉन्चिंग के लिए अब काउंटडाउन भी शुरू हो गया है . बता दे कि चंद्रयान -3 को  615 करोंड की लागत से तैयार किया गया है और यह चंद्रमा पर करीब 50 दिनों की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास जाकर लैंडिंग करेगा . लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सिथ्त सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पेड से इसे छोड़ा जाएगा .इसको चंद्रमा भेजने के लिए LVM3-M4  रॉकेट लॉन्चर का प्रयोग किया जा रहा है .

बता दे कि भारतीय स्पेस एजेंसी एसरो ने 2008 में चंद्रयान -1और 2019 में चंद्रयान -2 लॉन्च कर चुकी है . जिसके बाद इसरो ने बड़ी तेजी से चंद्रयान -3 को लॉन्च करने का ऐलान 2020 में ही कर दिया था .लेकिन  कोविड -19 की महामारी की वजह से इसे 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया जा रहा है .

क्या है इसका पूरा मकसद ?

चंद्रयान -3 भारत का तीसरा और सबसे बड़ा मून मिशन है जिसे आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा . चंद्रयान -3 को चंद्रयान -2 2019 के मिशन का फॉलेअप मिशन ही बताया जा रहा है . बता दें कि ISRO के  वैज्ञानिक दुनिया को ये बताने का प्रयास कर रहे है कि भारत भी उतना ही शक्तिशाली और सक्षम है दूसरे गृह पर लैडिंग के लिए जितने बाकी और देश है और लैडिंग के साथ -साथ अपना रोवर भी चलाया जा सकता है ।

दरअसल चंद्रयान -3  को इसलिए लॉन्च किया गया है. ताकि चॉद की सतह पर वायुमंडल और जमीन के भीतर होने वाली हलचलों का पता चल सके . वहीं इसके लैडंर रोवर और प्रोपोल्शन मॉड्यूल में कुल मिलाकर छह यंत्र जा रहे है. ये यंत्र किसी भी तरह की जांच करने में मदद करते है . इस मिशन को बनाने में 615 करोंड की लागत लगी है .

Exit mobile version