लखनऊ: योगी आदित्यनाथ ने 25 मार्च को दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में सीएम और डिप्टी सीएम सहित 53 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। योगी के मंत्रिमंडल में यूपी के मऊ के काझा खुर्द गांव के रहने वाले अरविंद कुमार शर्मा को भी शामिल किया गया है और उन्हें ऊर्जा और नगर विकास मंत्री बनाया गया है।
योगी मंत्रिमंडल 2.0 में मंत्री बने अरविंद कुमार शर्मा साल 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं। प्रधानमंत्री के खास कहे जाने वाले ए. के. शर्मा नरेंद्र मोदी के साथ वर्ष 2001 से लगातार काम कर रहे हैं। जिन्हें प्रधानमंत्री ने गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2001 से 2013 तक मुख्यमंत्री कार्यालय में अपने साथ रखा था। जब मोदी मुख्यमंत्री रहे तो वह उनके साथ सीएमओ में रहे। लेकिन बाद में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो अपने साथ अरविंद कुमार शर्मा को पीएमओ लेकर आ गए। 2014 में वह पीएमओ में संयुक्त सचिव के पद पर रहे। उसके बाद प्रमोशन पाकर सचिव बने।
अरविंद साल 2001 से 2014 तक लगातार मोदी के साथ रहे और उन्होंने गुजरात में कई गेम चेंजर काम किए। इस दौरान उन्होंने गुजरात भूकंप के वक्त राहत कार्यों को टाइम से पूरा कर मोदी का साथ निभाया था। इसी दौरान गुजरात में राजनैतिक अस्थिरता हुई और केशुभाई से इस्तीफा लेकर गुजरात की कमान मोदी के हाथों में सौंप दी गई। सीएम बनते ही मोदी की बड़ी चुनौती थी राहत कार्य को टाइम से पूरा करने की। इस वक्त अरविंद शर्मा ने मोदी की मदद की। सभी राहत कार्यों को टाइम से पूरा किया। लोगों के रहने-खाने का इंतजाम किया।
इसी दौरान साल 2002 में हुए गुजरात दंगों की वजह से अमेरिका और मोदी के रिश्तों में दरार आ गई थी। वीजा पर रोक लगी थी। मोदी 11 साल तक अमेरिका नहीं जा पाए थे। साल 2014 में अरविंद ही अमेरिकी एम्बेसडर नैंसी पावल को गांधीनगर लेकर आए थे। उसके बाद मोदी के साथ अमेरिका के रिश्ते सुधरने लगे।
गुजरात में टाटा फैक्ट्री लगवाने में अरविंद की अहम् भूमिका रही। दरअसल साल 2008 में सिंगूर बंगाल में लेफ्ट की सरकार थी। इसी दौरान टाटा कंपनी को नैनो बनाने के लिए जगह चाहिए थी। सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी थी। तभी उस समय विपक्ष में रहीं ममता बनर्जी ने प्लांट बनाने के लिए उपजाऊ जमीन देने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान लाठीचार्ज भी हुआ। टाटा के खिलाफ जगह-जगह विरोध हुए। बंगाल में प्लांट नहीं लग पाया। कुछ दिन बाद रतन टाटा के फोन पर SMS आया। मैसेज मोदी ने भेजा था। उसमें लिखा था ‘सुस्वागतम’। उन्होंने टाटा को प्लांट लगाने के लिए गुजरात बुलाया। साणंद में प्लांट लगाना था। लेकिन जो जगह मिली वहां फैक्ट्री बनना कठिन था। जमीन का भी कानूनी पेंच फंसा। इसको सॉल्व करने की जिम्मेदारी अरविंद पर आई। इस मुश्किल जमीन के मामले को उन्होंने सिर्फ कुछ हफ्तों में सॉल्व कर दिया। टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट नैनो की फैक्ट्री वहां बन गई।
इस तरह एके शर्मा पीएम मोदी के करीबी बन गए। 3 जून 2014 को अरविंद को जॉइंट सेक्रेटरी बनाया गया और 3 साल बाद 30 अप्रैल 2020 को अरविंद को MSME मंत्रालय में सचिव बनाया गया। वही 11 जनवरी 2021 को अरविंद के रिटायरमेंट में दो साल बाकी थे, उससे पहले ही उन्होंने वीआरएस ले लिया और रिटायरमेंट के 2 दिन बाद सीधे लखनऊ पहुंचे। उसी दिन भाजपा में हुए शामिल हो गए। उन्हें बीजेपी से टिकिट मिला और वो चुनाव जीत कर मंत्रिमंडल का हिस्सा बन गए।
अरविंद के गांव के लोगों को खबर मिली कि उन्हें योगी के मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है। शपथ ग्रहण के दिन पूरा गांव उन्हें शुभकामनाएं देने लखनऊ के इकाना स्टेडियम पहुंच गया। 25 मार्च को अरविंद ने योगी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। 28 मार्च को उन्हें ऊर्जा, नगर विकास मंत्री का पद सौंपा गया।