हिंदी भाषा को परिक्षा का माध्यम बनाने और इसे IIT और IIM सहित शौक्षिणक संस्थानों में अनिवार्य अध्ययन भाषा बनाने के लिए संसद समिति की सिफारिश से केरल को आपत्ति है। यह मुद्दा अब प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच गया है। हिंदी भाषा पर आपत्ति जताते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
वहीं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केरल के मुख्यमंत्री ने अक पत्र लिखकर पीएम मोदी को केंद्रीय सेवाओं के लिए हिंदी भाषा को परिक्षा का माध्यम बनाने और इसे इसे IIT और IIM सहित शौक्षिणक संस्थानों में अनिवार्य अध्ययन भाषा बनाने के लिए संसद समिति की सिफारिश को स्वीकार नहीं करने के केरल सराकर के रुख के बारे में सूचित किया। फिलहाल इसपर पीएम का क्या फैसला होगा, यह तो आने वाला समय बताएगा ही।
बता दें कि देश में सबसे शिक्षित राज्य में सबसे ऊपर रहने वाले केरल ने हिंदी की अनिवार्यता को लेकर आपत्ति जताई है। IT और IIM सहित शौक्षिणक संस्थानों में अनिवार्य करने को कहा गया है फिलहाल अभी तक इस मसले को लेकर सरकार विचार कर रही है। इस बीच केरल सरकार की तरफ से जताए गए इस विरोध से नया बवाल खड़ा होता नजर आ रहा है।