महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कफ सिरप बनाने वाली 6 कंपनियों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। राज्य सरकार ने कहा कि इन कंपनियों ने लाइसेंस के नियमों का पालन नहीं किया। जिसके चलते कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। खाद्य और औषधि प्रशासन मंत्री संजय राठौड़ ने आशीष शेलार और अन्य के ध्यानाकर्षण नोटिस का जवाब देते हुए विधानसभा में ये बात कही।
मंत्री संजय राठौड़ ने बताया कि राज्य में कफ सिरप के 108 निर्माताओं में से 84 के खिलाफ जांच शुरू की गई है। इनमें से चार को उत्पादन बंद करने का निर्देश दिया गया है, तो वहीं छह कंपनियों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं।
मंत्री संजय राठौड़ ने बताया कि लाइसेंस के नियमों के उल्लंघन के लिए 17 फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं जब शेलार ने गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत का जिक्र किया, तो इस पर मंत्री ने कहा कि इस केस में जिस कंपनी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा था, वह हरियाणा में स्थित थी। महाराष्ट्र में उसकी कोई निर्माण इकाई नहीं थी। वहीं राज्य में 996 एलोपैथिक दवा निर्माताओं में से 514 निर्माता अपने उत्पादों का निर्यात करते हैं। राज्य सरकार ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
प्रिसाइडिंग ऑफिसर संजय शिरसाट के अनुसार अगर 20 प्रतिशत निर्माताओं पर नियमों के उल्लंघन के कारण कार्रवाई की गई है तो इसे बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। ये लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने जैसा है।