Maharashtra: देश के अलग-अलग हिस्सों से बीते कुछ दिनों में बच्चा चोरी के शक में भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने वाले और अन्य लोगों की पिटाई के मामले तेजी से सामने आए हैं। इसी कड़ी में यूपी के कुछ साधु महाराष्ट्र की सांगली में भीड़ की जद में आ गए, जिसमें उन्हें बच्चा चोर समझकर भीड़ ने लाठी-डंडो से पीट दिया।
पुलिस के अनुसार चारों साधु उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं और कर्नाटक के बीजापुर से पंढरपुर दर्शन के लिए जा रहे थे। पुलिस ने कहा कि साधुओं ने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
मारपीट की शिकायत मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और साधुओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पुलिस ने बताया कि इन चारों लोगों का बच्चा चोर गिरोह से कोई संबंध नहीं है। ये लोग दर्शन पूजन के लिए जा रहे थे, लेकिन गलतफहमी की वजह से लोगों ने इन्हें बच्चा चोर समझ लिया और पकड़ कर मारपीट की है।
पुलिस ने बताया कि घटना स्थल के पास एक मंदिर में यह चारो साधु रात के विश्राम के लिए रूके थे और इस बीच वह रास्ता भटक गए और एक बच्चे से आगे बढ़ने के लिए रास्ता पूछ लिया औऱ बच्चे से इन्हें बात करते देखकर दूसरे लोगों ने इनके बच्चा चोर होने की शोर मचा दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रास्ते से जाते वक्त वहां के स्थानीय लोगों से बातचीत में एक दूसरे की स्थानीय भाषा समझ नहीं पाए और उन्हें गलतफहमी हो गई कि यह बच्चा चोर है और मामला मारपीट तक बढ़ गया।
महाराष्ट्र में साधुओं पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। 2020 में महाराष्ट्र के पालघर जिले के गढ़चिंचले गांव में भीड़ ने 2 साधुओं की बेरहमी से पिटाई की थी, जिसमें दोनों साधुओं की मौत हो गई थी। दोनों साधु सूरत जा रहे थे। दो साल पहले पालघर में साधुओं की हत्याकांड की घटना होते-होते बच गई है।
राम कदम ने कहा कि महाराष्ट्र साधु-संतों की भूमि है। पिछली सरकार ने जो गलती की थी, वह गलती इस सरकार के समय किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी। राज्य में साधु-संतों के समुचित सम्मान के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।