Maharashtra Politics: शिवसेना में मंगलवार को बड़े उलटफेर किए गए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर दिया है।
खास बात ये है कि इसमें उद्धव ठाकरे को ही अध्यक्ष बनाया है। जबकि, शिंदे ने नया प्रमुख नेता का पद संभाल लिया है। इसके अलावा भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जून में पार्टी में बगावत करने वाले कई विधायक भी शामिल हैं। खबर है कि शिंदे गुट आज चुनाव आयोग की तरफ अपना रुख कर सकता है।
शिंदे गुट के एक नेता ने मंगलवार को चुनाव आयोग जाने की बात कह दी है। उन्होंने कहा कि समूह नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरफ से पारित प्रस्ताव को लेकर आयोग से मिल सकते हैं जिसमें कहा गया है कि बागी गुट ही असल में शिवसेना (Shiv Sena) है। बागी विधायकों वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सोमवार दोपहर दक्षिण मुंबई (Mumbai) के होटल में बैठक हुई।
इन बागियों को मंत्रिमंडल में मिली जगह
कथित तौर पर नई कार्यकारिणी में दीपक केसरकर को प्रवक्ता, पूर्व मंत्री रामदास कदम, पूर्व सांसद आनंदराव अदसुल को नेता, और पूर्व बीएमसी पार्षद यशवंत जाधव, पूर्व मंत्रियों गुलाबराव पाटील और उदय सामंत और शरद पोंक्षे, विधायक तानाजी सावंत, विजय नहाटा और पूर्व सांसद शिवाजीराव अधलराव पाटील को उपनेता के तौर पर पदोन्नत किया है।
पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने दावा किया है कि शिंदे की तरफ से गठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की कोई कानून वैधता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘वे केवल कॉमेडी एक्सप्रेस का सीजन 2 चला रहे हैं। सीजन 1 मुंबई विधानसभा में था। लोग हंस रहे हैं। यह बालासाहब ठाकरे की शिवसेना (Shiv Sena) है और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) हैं।’ इधर, केसरकर का कहना है कि सीएम शिंदे (Eknath Shinde) पार्टी के प्रमुख नेता थे और उनके पास राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लोगों को नियुक्त करने का अधिकार है।