नई दिल्ली। सरकार अपनी सामाजिक कल्याण योजनाओं और उसके लाभों को प्रचारित करने की योजना बना रही है। केंद्र सरकार इनके जरिए इस संदेश को फैलाने की कोशिश कर रही है कि विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं से महिलाओं और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को खूब फायदा हुआ है।
दरअसल,यूपी सहित पांच राज्यों के चुनाव के बाद अब 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार अभी से इसकी तैयारियों में लग गई है। इसी क्रम में पिछले हफ्ते एक निर्णय लिया गया था जिसमें विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों को पिछले साढ़े सात वर्षों में उनके द्वारा शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और उन लोगों की नाम तैयार रखने के लिे कहा गया था जो इन योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
सूत्रों ने रविवार को कहा कि पूरी समीक्षा के बाद सरकार देश भर में चलाई गई योजनाओं और उनके लाभों को जनता को बताने के लिए एक अभियान शुरू करेगी। सूत्रों का कहना है कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में से चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने में भाजपा की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सरकार के अनुसार उज्ज्वला, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम जैसी योजनाओं से लाखों परिवारों के लिए रोजगार सृजन, किफायती आवास और रसोई गैस की सुविधा से लाभ हुआ है। कोरोनावायरस महामारी के चरम के दौरान सरकार ने गरीब और प्रवासी श्रमिकों को मुफ्त राशन वितरित किया था।
सरकार ने महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में व्यवधान का सामना करने में मदद करने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों और छोटे व्यवसायों का भी समर्थन किया था। पेट्रोलियम, ग्रामीण विकास, महिला और बाल विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामले कुछ ऐसे प्रमुख मंत्रालय हैं, जिन्होंने ऐसी सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए अपने बजट से पर्याप्त धनराशि निर्धारित की है।