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Morbi Bridge Accident: 17 रुपये के टिकट पर लिखी चेतावनी... झूलते पुल

Morbi Bridge Accident: 17 रुपये के टिकट पर लिखी चेतावनी… झूलते पुल को नुकसान पहुंचाने पर होगा एक्शन

गुजरात के मोरबी में रविवार शाम मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज के अचनाक टूटने से अब तक 141 लोग की मौत हो चुकी है। 70 लोग घायल है जिनका इलाज चल रह है। मौके पर लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। हादसे को देखते हुए लग रहा है कि अभी मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। वहीं इस बीच एक तस्वीर सामने आई है जो केबल ब्रिज की है। जिसपर लिखा गया है कि ब्रिज पर कोई पर्यटक नुकसान पहुंचाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

Exit के बाद टिकट की मान्यता समाप्त

जरा एक नजर इस तस्वीर पर डालिए। जिसमें 12 और 17 रुपये की कीमत वाले टिकटें है। जिनपर साफ-साफ लिखा है कि इस झूलते हुए पुल को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा झूलता पुल का टिकट मौजूदा कार्मचारी के मांगने पर दिखानी होगी और exit के बाद टिकट की मान्यता समाप्त हो जाएगी।

बता दें कि यह पुल गुजरात के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक था। यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे। इस पुल पर जाने के लिए 17 रुपये की टिकट लगती थी। यह पुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूले की तरह झुलता रहता था। इसलिए इसको झुलता पुल भी कहा जाता था। इस पुल की क्षमता 100 लोगों की थी लेकिन हादसे के दौरान इसपर 500-700 लोग जमा थे। इतना बोझ नहीं झेल सकने के कारण ये पुल टूटकर नदी में गिर गया।

ब्रिटेन से आया था पुल के निर्माण का सामान

वहीं आपको बता दें कि इस पुल की लंबाई 230 मीटर और चौड़ाई 1.25  मीटर थी। इस पुल के निर्माण के लिए सारा सामान ब्रिटेन से मंगवाया गया था। यह पुल भारत की आजादी की लड़ाई का गवाह भी रह चुका है।

वहीं अंग्रेजों के जमाने के इस ब्रिज के रखरखाव की जिम्मेदारी वर्तमान में ओरेवा ग्रुप के पास है। पहले इस पुल के रख रखाव की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम के पास थी। बाद में इसके लिए एक ट्रस्ट का गठन किया गया। इसी ट्रस्ट ने कुछ समय पहले पुल के पुनर्निर्माण और रख रखाव को लेकर ओरेवा कंपनी को टेंडर दिया था। जिसके बाद इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए इस पुल के रखरखाव, सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने जैसी सारी जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी को दी गई थी। पिछले 6 महीने से मरम्मत के कारण यह पुल लोगों के लिए लोगों के लिए बंद था।

फिटनेस चेक किए बिना खोला ब्रिज

इसके बाद भी इतना बड़ा हादसा हो गया। आखिर कहां चूक रही इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे है। मिली जानकारी के अनुसार जिंदल ग्रुप की 25 साल की गारंटी दी थी। हालांकि इस ब्रिज पर एक साथ केवल 100 लोगों के जाने की परमिशन थी। वहीं अभी तक इस ब्रिज को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया गया था। सरकार की तीन एजेंसियों के द्वारा जांच होनी बाकी थी। इसी बीच दिवाली की हड़बड़ी में इस ब्रिज का उद्घाटन कर दिया गया।

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