मुजफ्फरनगर : कहते हैं अगर आपके भीतर जज्बा तो आपके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है ‘ ये लाइन मुज़फ़्फ़रनगर निवासी मिसेज इंडिया बनी शैली के ऊपर एकदम सटीक बैठती है। इनकी संघर्ष की कहानी ने ना सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि उन्होंने समाज को कामयाबी का नया चैप्टर भी पढ़ाया। उन्होंने साबित कर दिखाया कि अगर एक लड़की को उसके माता – पिता और पति की सपोर्ट मिले और उसके भीतर मंजिल तक पहुंचने का जुनून है, तो दुनिया की कोई भी मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती। शैली खुद कहती हैं, कि शादी के बाद पति और बच्चों के साथ – साथ स्कूल के कामों के चलते इतना बड़ा मुकाम हासिल करना आसान नहीं था, लेकिन उनके माता – पिता और पति का पूरा सहयोग मिला, जिसके कारण उनके सिर पर मिस इंडिया का ताज सजा। शैली के माता पिता का कहना है कि जरुरी नहीं कि लड़कियां घर के काम में ही निपुण हो बल्कि अगर उनको मौका दिया जाए तो वह एक साथ कई जिम्मेदारियों को निभा सकती है। उनका कहना है कि शैली बचपन से ही बहुत इंटेलिजेट थी। उनकी माता का कहना है वैसे तो वह एक किसान फ़ैमिली से है लेकिन अपने बच्चों को वहीं करने दिया जो उनका मन था, जबरदस्ती उनके ऊपर कुछ नहीं थोपा , शायद उसी का परिणाम है कि मिसेज इंडिया का खिताब हासिल कर हमारा सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है।
शैली की शादी मुंबई में हुई थी और अब लक्ष्मण विहार में अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है, उनके पति रोहित एयरफोर्स में पायलट है, उन्होंने बीकॉम और एमकॉम पंजाब यूनिवर्सिटी से चंडीगढ़ से किया है। एमबीए नोएडा से किया है। वह खुद दिल्ली पब्लिक स्कूल में अध्यापिका है। मुज़फ़्फ़रनगर निवासी शैली की शादी 2005 में रोहित कादियान से हुई जो एयरफोर्स में विंग कमांडर हैं। उनका छोटा भाई सुमित मलिक इंडियन नेवी में है। जिन्होंने शैली को हमेशा सपोर्ट किया। शैली कहती है कि वह उन बच्चों के लिए कुछ करना चाहती है जो पैसे की कमजोरी से स्कूल नहीं जा पाते , शैली उन माता पिता को संदेश देना चाहती है कि जो अपनी बेटियों को स्कूल नहीं भेजते है। उनका कहना है हर लड़की को मौका मिलना चाहिए। शैली के कंपटीशन में फिल्म अभिनेत्री अदिति गोवित्रिकर समेत कई मशहूर हस्तियों ने उन्हें जज किया था और इस प्रतियोगिता में पूरे देश की 103 प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया था।
(सचिन जौहरी)