पटना। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने और राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने एक अण्णे मार्ग स्थित आवास के बाहर पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने आरजेडी के साथ मिलकर काम करने के लिए आगे की रणनीति बताई।
नीतीश कुमार ने इस बात को दोहराया की पार्टी को कमजोर करने की साजिश की जा रही थी। हमें तो हमारे नेताओं ने बार-बार इस साजिश से अवगत कराया लेकिन हमने कुछ नहीं किया। जब पार्टी सदस्यों ने इसे गंभीरता से लिया तो हमने आज बैठक बुलायी और निर्णय लिया। आरसीपी सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमने जिन्हें अपनाया, वहीं जेडीयू को तोड़ने में लगे थे। अब बीजेपी से गठबंधन टूट गया है। हम सात पार्टियां मिलकर महागठबंधन में आगे काम करेंगे। इसके लिए 7 पार्टी के सभी कुल विधायक 164 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है।
शपथ ग्रहण के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल फागू चौहान जब समय देंगे तो शपथ ग्रहण होगा। उन्होंने एनडीए से बाहर निकलने के सवाल पर कहा कि पार्टी के सारे लोग कह रहे थे, तब जाकर हमने मीटिंग बुलाई और अलग होने का निर्णय लिया। पार्टी के सभी लोगों की राय के बाद फैसला लिया गया।
नीतीश कुमार ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा हमें अपमानित किया गया या क्या किया गया, इसको छोड़ दीजिए हमको नहीं बोलना है। उन्होंने प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनने पर कुछ नहीं कहा। उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा कि बिहार में हम लोग मिलकर काम करेंगे। बिहार के विकास में लगे रहेंगे। समाज में विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही थी, वह हमको अच्छा नहीं लगता था।
नीतीश कुमार ने कहा कि हम एनडीए में सरकार नहीं बनाने चाह रहे थे। क्योंकि, हमें कम सीट मिली लेकिन बीजेपी के बार-बार आग्रह करने के बाद हम मुख्यमंत्री बनने को तैयार हुए। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किए हैं और आगे भी नहीं करेंगे। हम लोग मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करेंगे।