ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में कई लोगों की मौत हो गई। अब इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई कर रही है। वहीं दूसरी तरफ शुरूआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि पटरियों के इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ जानबूझकर छेड़खानी की गई थी, जिसे लेकर अहम सबूत भी मिले है। आपको बता दें,शुरुआती जांच के आधार पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसी सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
पुलिस को मिले सबूत
सीआरबी रेलवे ने हादसे की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दी। रेलवे ने यह आशंका जाहिर की है कि यह हादसा पॉइंट में बदलाव के कारण हुआ। एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे को ऐसा लगता है कि यह सब जानबूझकर किया गया है या फिर ये किसी ऐसे व्यक्ति ने किया है जिसको इन प्वाइंटस के बारे में पूरी जानकारी थी। वहीं सीबीआई ये पता लगाने की कोशिश कर रही है आखिर इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ।
सीबीआई कर रही है जांच
हादसे को लेकर ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन के खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिनतेश रे ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि सीबीआई ने मामले की जांच करना शुरू कर दिया है।सीबीआई की टीम से रेल सुरक्षा कमिश्नर शैलेश कुमार पाठक भी घटनास्थल पर पहुंचे थे। इसके अलावा वो स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर भी पहुंचे थे।
101 शवों की पहचान नहीं हो पाई
आपको बता दें, हादसे में घायल हुए 1100 यात्रियों में से 900 लोगों को इलाज के बाद हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है।वहीं हादसे में जान गंवाने वालों 278 लोगों में से 177 शवों की पहचान हो गई है।जबकि 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है।
अकेले भुवनेश्वर में ही कुल 193 शवों को रखा गया था। इसमें से 80 शवों की पहचान हो चुकी है। इसे लेकर भुवनेश्वर नगर निगम के कमिश्नर विजय अमृत कुलंगे ने कहा है कि 55 शव परिजनों को सौंपे गए हैं। जी हां, शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है।