प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ में महुली में एफसीआई गोदाम के अधिकारियों द्वारा मनमानी जारी है, ताजा मामला प्रतापगढ़ जनपद का है जहाँ पर महुली FCI में राइस मिल संचालकों से जमकर धनउगाही हो रही है। यही नही पैसे न देने पर उनके द्वारा गोदाम तक पहुँचने वाले राशन को रिजेक्ट कर दिया जाता है। आपको हम आज इसकी पूरी सच्चाई बताएंगे और यह भी बताएंगे कि किस तरह राइस मिल संचालकों से धनउगाही का कार्य किया जा रहा है। पर इससे पहले हम पूरी बात जान लेते है।
क्या है यह पूरा मामला:- आपको बता दे कि सरकार द्वारा सरकारी धान खरीद कर उसकी कुटाई के लिए राइस मिल संचालकों को दिया जाता है जिसमे 67% की रिकवरी की जाती है, और फिर राइस मिल संचालक इस चावल को FCI गोदाम लाते है और यहाँ से उनके द्वारा लाये गए राशन को जमा करवाकर सरकारी मूल्य के हिसाब से इनका भुगतान किया जाता है। फिर यहाँ से यह राशन कोटेदारों तक पहुँचाया जाता है, और फिर कोटेदारों के पास से यह राशन गरीब राशन कार्ड धारकों को वितरित किया जाता है।
कहाँ होता है खेल:- अब तक आप इस पूरे मामले की सच्चाई जान चुके होंगे अब हम आपको यह बताएंगे कि खेल कहाँ हो रहा है और कहाँ से राइस मिल संचालकों से धन उगाही का खेल किया जाता है। आपको बता दे सरकार द्वारा धन की खरीद के बाद यह धान कुटाई के लिए राइस मिल संचालको को दिया जाता है, और इसकी कुटाई के बाद राइस मिल संचालक जब अपना राशन FCI गोदाम लेकर आते है तो पहले मौखिक रूप से उनके लॉट को ठीक बताया जाता है बाद में घूस न मिलने पर सरकारी मानकों को बता कर उनके पूरे लॉट को रिजेक्ट कर दिया जाता है। जिससे आज राइस मिल संचालक उग्र हो उठे और उन्होंने FCI गोदाम में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों पर धन उगाई का आरोप लगाया है।
धरना प्रदर्शन की कवरेज करने पहुँचे पत्रकारों से एफसीआई के अधिकारियों ने की अभद्रता:- आपको बता दे कि इस पूरे मामले की जानकारी जब पत्रकारों को हुई तो वह मौके पर कवरेज करने पहुँचे जहाँ पर एफसीआई के अधिकारियों ने उनसे जमकर अभद्रता की, सरकारी धान को लेकर सरकार की मंशा है कि किसानों से शत प्रतिशत खरीद के बाद इन्हें सरकारी राइस मीलों पर भेजा जाए जिसकी कुटाई बाद प्रति कुंटल धान में 67 किलो चावल FCI महुली मंडी प्रतापगढ़ में दिया जाए लेकिन सरकार की मंशा को बट्टा लगा रहे अधिकारी राईस मिल संचालको से चावल लेने के नाम पर बीस से पच्चीस हजार रूपये प्रति ट्रक की डिमांड करते हैं। पैसा ना मिलने पर चावल ठीक होने के बाद भी रिजेक्ट कर देते हैं गोदाम के क्यूसी/मैनेजर आशीष मिश्रा पैसे की डिमांड करते हुए कहते हैं कि चावल में नमी समेत कुछ समस्याएं बता देते हैं। अधिकारियों को अच्छा पैसा मिलने पर ही चावल पास किया जाता है, प्रदर्शन के दौरान राईस मीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र चौरसिया, पाइनियर इंटरप्राइजेज के मालिक आशीष तिवारी समेत कई मिल संचालक ने एफसीआई महुली मंडी में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा की यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही ऊपर से एजीएम एमके मीणा के द्वारा हमें धमकाया भी जा रहा है।