नई दिल्ली। द कश्मीर फिल्म ने जिस तरह से पूरे देश में सुर्खियां बटोरी हैं उसी तरह से इस फिल्म ने कहीं न कहीं माहौल को गर्म कर दिया है,ऐसी ही एक खबर राजस्थान के जयपुर जिले से सामने आई है जहाँ एक दलित युवक ने 18 मार्च को फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी जिसमें उसने लिखा था की पंडितों पर हुए अत्याचार पर फिल्म बना दी गई लेकिन उम्मीद करता हूँ कोई निर्देशक दलितों पर हुए अत्याचार पर भी फिल्म बनाएगा। यही पोस्ट पर लिखकर वायरल करना इस दलित व्यक्ति को इतनी महंगी पड़ गई की उसको मंदिर की चौखट पर नाक रगड़ कर माफ़ी मांगनी पड़ी।
गांवों के कुछ दबंग लोगों की हर हरकत का परिणाम है
32 वर्षीय राजेश कुमार मेघवाल ने एक इंटरव्यू में बताते हुए कहा कि घटना की शुरुआत 18 मार्च को द कश्मीर फाइल्स से संबंधित एक फेसबुक पोस्ट अपलोड करने के बाद सामने आई थी। “मैंने फिल्म का ट्रेलर देखा और एक पोस्ट अपलोड कर दिया, जिसमें मैंने कहा था कि फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार दिखाया गया है और उसे टैक्स फ्री कर दिया गया है। यह ठीक है, लेकिन दलितों और अन्य समुदायों पर भी अत्याचार होते हैं। जय भीम जैसी फिल्मों को टैक्स फ्री क्यों नहीं किया जाता
मेघवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि , “गांवों के लोगों समेत एक पूर्व सरपंच ने मुझे मंदिर में आकर माफ़ी मांगने के लिए प्रेरित किया साथ ही उन्होंने मुझसे ये भी कहा कि मुझे किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया और मेरी इच्छा के खिलाफ मंदिर के चबूतरे पर मुझ से माफ़ी मंगवाई।
(निशांत दीक्षित)