लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वर्तमान डीजीपी डीएस चौहान के सेवा निवृत होने के बाद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के साल 1988 बैच के अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। उनकी नियुक्ति को लेकर पूर्व सीएम और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसा। अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- “जब कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा सरकार का रवैया काम चलाऊ होगा तो कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाना पड़ेगा।”
आपको बता दें, कार्यवाहक डीजीपी के पद को आरके विश्वकर्मा 2 महीने तक संभालेंगे। क्योंकि 2 महीने बाद वो भी रिटायर हो रहे हैं। मालूम हो कि इससे पहले पहले डॉ. देवेंद्र सिंह चौहान उत्तरप्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी के पद पर थे। जो बीते शुक्रवार को रिटायर हुए थे।
अखिलेश यादव का ट्वीट
उत्तरप्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा – “यूपी पुलिस को फिर से एक नया ‘कार्यवाहक DGP’ मिल गया है। जब कानून-व्यवस्था को लेकर ही भाजपा सरकार का रवैया काम-चलाऊ होगा फिर तो कार्यवाहक अधिकारी से ही काम चलाया जाएगा। आज तो अपराधियों की तरफ से लड्डू बांटे जाएंगे क्योंकि उप्र शासन-प्रशासन की काम-चलाऊ व्यवस्था की वजह से ये समय अपराधियों के लिए अमृत-काल जो है।”
कौन हैं आरके विश्वकर्मा ?
आरके विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश के जौनपुर के निवासी है। साल 1963 में इनका जन्म (जौनपुर) हुआ था। आपको बता दें, ये 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इन्होने आईआईटी रुड़की से बीटेक किया और फिर आईआईटी दिल्ली से एमएस किया है। इसके अलावा ये आईआईटी दिल्ली से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी भी कर चुके हैं।
कहां-कहां हुई नियुक्ति ?
जब आरके विश्वकर्मा ने पुलिस अधिकारी प्रशिक्षण प्राप्त किया उसके बाद उन्हें सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रयागराज और लखनऊ भेजा गया। इसके बाद उन्होंने मेरठ अपर पुलिस अधीक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दी। इसी कड़ी में पुलिस अधीक्षक के तौर पर आरके विश्वकर्मा बस्ती, फतेहगढ़, नैनीताल में भी रहे हैं। फिर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए इन्हें एटा,प्रयागराज, मुरादाबाद, एसटीएफ, मैनपुरी, आगरा भेजा गया