Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
‘BJP में हिम्मत है तो औरंगाबाद का नाम बदलकर दिखाए’, संजय राउत ने

‘BJP में हिम्मत है तो औरंगाबाद का नाम बदलकर दिखाए’, संजय राउत ने दिया बड़ा बयान

केंद्र सरकार लगातार शहरों के नाम बदल रही है। हाल ही में केंद्र ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसने उस्मानाबाद शहर का नाम बदलकर धाराशिव करने की मंजूरी दे दी है। लेकिन औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर रखने की मंजूरी अभी प्रक्रिया में है। केंद्र सरकार के इस बयान पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलने में क्या दिक्कत आ रही है, आखिर किसका डर है, कौन सा कायदा बीच में आ रहा है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है तो दिक्कत किसलिए और कहां आ रही है। हम सब कुछ देख रहे हैं।

औरंगाबाद का नाम क्यों नहीं बदल रहे- संजय राउत

संजय राउत यहां तक कह दिया कि ‘बीजेपी के ये नेता ढोंगी हैं, सभी ढोंग करते हैं। जब बीजेपी सत्ता में नहीं थी और राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी। उस वक्त दिल्ली-महाराष्ट्र में जोर जोर से चिल्ला रहे थे कि आप औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर क्यों नहीं कर रहे हो। तब उद्धजी ने निर्णय लेकर केंद्र सरकार के पास भेजा। जो पहले चिल्लाने वाले थे वो अभी अपनी भूमिका साफ नहीं कर रहे हैं। केंद्र में मोदी सरकार है, वहां से नहीं निर्णय नहीं हो रहा। 

हिम्मत है तो औरंगाबाद का नाम बदलो-संजय राउत

संजय राउत ने आगे कहा कि ‘इलाहाबाद के अलावा बहुत से शहरों का नाम बदले गए। लेकिन जब छत्रपति संभाजीनगर का विचार आता है, तो ये बीजेपी के लोग जब सत्ता में नहीं होते हैं तब चिल्लाते है। अब सत्ता हैं, हिम्मत है तो कर लो। हमने तो करके दिखाया, अब इनके पास हिम्मत नहीं है शहर का नाम बदलने की।

त्रिपुरा में बीजेपी बांटी रेवड़ी बांटी- संजय राउच

वही त्रिपुरा चुनाव के संबंध में संजय राउत ने कहा कि ‘त्रिपुरा में आज चुनाव है। ग्रह मंत्री ने त्रिपुरा में जाकर बहुत बड़ी बड़ी बातें की हैं। रेवड़ियां उड़ाई हैं। कहा कि मोदीजी रेवड़ी संस्कृति के खिलाफ थे। जबकि त्रिपुरा में सबसे ज्यादा रेवड़ी बांटी गई। देखेंगे अब वहां की जनता क्या करती है। बहुत सी बड़ी-बड़ी बातें की गई हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि त्रिपुरा की जनता सोच समझ कर ही निर्णय लेगी।

Exit mobile version