उत्तराखंड के हरिद्वार से के बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। एक बेबस मां कानून का दरवाजा खटखटा रही है। लेकिन उसके कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। एक मां की आवाज रक्षा का मुखौटा पहले कानून तक नहीं पहुंच रही है। दरअसल एक मां अपने बेटे के अपहरणकर्ताओं को पकड़वाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बचाए उन्हें थानों के चक्कर कटवा रही है।
पुलिस ने अपहरण के मामले में अभी तक मुकदमा भी दर्ज नहीं किया है। जबकि दो आरोपियों को ग्रामीण खुद पकड़कर पुलिस के हवाले कर चुके हैं। उसके बाद भी कोई कार्रवाई सामने नहीं आई है।
दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा
इसी बीच पथरी थाना क्षेत्र के घोसीपुरा गांव की रहने वाली बबीता ने बताया कि बीती 18 अगस्त को कार सवार बदमाशों ने हरिद्वार बाईपास पर टोड़ा कल्याणपुर गांव के पास से उसके बेटे संदीप का अपहरण किया था। अपहरणकर्ता संदीप को भगवानपुर इलाके में स्थित एक फैक्ट्री में लेकर गए। जहां उसे दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान संदीप के साथ मारपीट भी की गई।

पीड़ित की मां के मुताबिक दो दिन के बाद संदीप किसी तरह वहां से निकलकर अपने घर घोसीपुरा पहुंचा। बबीता का आरोप है कि अपहरणकर्ता संदीप की तलाश में उसके घर पहुंचे और फिर से उसे जबरदस्ती अपने साथ ले जाने का प्रयास करने लगे।
मामला रुड़की का नहीं किया केस दर्ज
हालांकि उन्होंने और गांव वालों ने जब विरोध किया तो अपहरणकर्ता वहां से भाग गए। इस दौरान दो लोगों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उन्हें पथरी थाना पुलिस के हवाले कर दिया। बबीता का आरोप है कि पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि मामला रुड़की का बताकर उन्हें यहां भेज दिया। रुड़की सिविल लाइन के वरिष्ठ उप निरीक्षक केदार सिंह चौहान ने बताया कि मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है।
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