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The Kashmir Files पर फारूक अब्दुल्ला का बयान, कहा- अगर सच्चाई जाननी है तो करें कमीशन का गठन

The Kashmir Files पर फारूक अब्दुल्ला का बयान, कहा- अगर सच्चाई जाननी है तो करें कमीशन का गठन

नई दिल्ली। फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ बीते कुछ दिनों से चर्चा में है. कश्मीरी पंडितों को लेकर बनाई गई इस फिल्म की जहां एक तरफ जमकर तारीफ हो रही है तो दूसरी तरफ इस फिल्म के विरोध में भी लोग दिखाई दे रहे हैं. अब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला का इस फिल्म को लेकर हो रहे विवाद पर बयान सामने आया है.

फारूक अब्दुल्ला ने संसद से निकलते वक्त मंगलवार को कहा, “मुझे लगता है कि उन्हें (बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को) एक कमीशन का गठन करना चाहिए. और वो कमीशन उन्हें बताएगा कि कौन ज़िम्मेदार है…आप सच जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक कमीशन का गठन करना चाहिए।

इस फिल्म पर कई तरफ से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि हाल में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ऐसे हालात पैदा कर रही है, जो देश की सामाजिक एकता और अखंडता को भारी नुकसान पहुंचा सकती है।

येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी 1990 में कश्मीरी पंडितों की पीड़ा पर बात करने वाली पहली पार्टी थी, उसके विधायक ने उस समय जम्मू कश्मीर विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने कश्मीरी पंडितों की संपत्तियों की रक्षा की है। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत श्रीनगर पुलिस से प्राप्त उत्तर का जिक्र करते हुए कहा कि 1990 से अब तक 89 कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के हाथों मारे गए,वहीं अन्य धर्म के 1,635 लोग मारे गए।

क्या बोले उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस फिल्म को लेकर कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्माताओं ने आतंकवाद से पीड़ित मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को नजरअंदाज किया है. उन्होंने कहा कि अगर ‘द कश्मीर फाइल्स’ एक व्यावसायिक फिल्म होती, तो किसी को कोई समस्या नहीं थी लेकिन अगर फिल्म निर्माता दावा करते हैं कि यह वास्तविकता पर आधारित है, तो सच्चाई इससे अलग है।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे. जगमोहन राज्यपाल थे. केंद्र में वी पी सिंह की सरकार थी, जिसे भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया हुआ था.’

उमर ने आश्चर्य जताया कि इस तथ्य को फिल्म से दूर क्यों रखा गया है. उन्होंने कहा, “सच्चाई को तोड़े-मरोड़े नहीं. यह सही चीज नहीं है।

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