बांका। दुनियाभर में मशहूर श्रावणी मेला को लेकर रोजाना हजारों की संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की कांवर यात्रा जारी है। इस दौरान कांवर यात्रा में कई अनूठे कांवर भी आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। पूर्णिया जिले के शिवभक्तों की टोली ने भी कलयुग के श्रवण कुमार की कथा को जीवंत कर दिया है। सुल्तानगंज से अपने बूढ़ें माता-पिता को कांवर में बैठा कर बाबाधाम की यात्रा करायी जा रही है।
कांवर के दोनों तरफ बंधी डलिया में पूर्णिया जिले के नगर थाना क्षेत्र के रिकाबगंज गांव के नयाटोली के रहने वाले 90 साल के नाथो यादव और उनकी धर्मपत्नी 85 साल की मीरा देवी बैठे हुए हैं। इस कांवर को दोनों वृद्ध श्रद्धालु के बड़े बेटे भोला यादव, मंझला बेटा अमोल यादव और छोटा बेटा श्रवण कुमार के अलावा दामाद सिकंदर यादव कंधा देते चल रहे हैं। कांवर को पोती बेबी कुमारी और पोता प्रिंस कुमार भी सहारा देते बाबाधाम की ओर ले जा रहे हैं। उत्तरवाहिनी गंगा सुल्तानगंज से निकली श्रवण कुमार का यह कांवर चौबीस घंटे के भीतर कटोरिया के कुरावा स्थित किशनगंज सेवा सदन (किशनगंज धर्मशाला) तक पहुंच चुकी थी।
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कांवर पर बैठे पिता नाथो यादव और मां मीरा देवी ने कहा कि हम बाबा से प्रार्थना करेंगे कि इस कलयुग में भी हर घर व हर मुहल्ले में श्रवण कुमार जैसा पुत्र पैदा हो। ताकि एक सुंदर समाज व आदर्श संसार का निर्माण हो सके। कलयुग के इस श्रवण कुमार एंड टीम की संपूर्ण कांवरिया पथ के सभी सेवा शिविर व प्राइवेट धर्मशालाओं के सामने भव्य स्वागत भी किया जा रहा है।