सुल्तानपुर । सुल्तानपुर में आज समाजवादी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस जिला कार्यालय पर आहूत की जिसमें समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज़ होने के लिए पार्टी में सदस्यता अभियान को संचालित कर रखा है। लेकिन जिस तरह सपा में बगावत है उससे उसका यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा।
बता दें कि इसकी बानगी सुलतानपुर में आज तब देखने को मिली जब सपा नेता मुजीब अहमद ने जिलाध्यक्ष पृथ्वीपाल को सपा का सिंबल लगा एक स्मृति चिंह भेंट किया। जिस पर मुजीब अहमद 187 विधानसभा इसौली लिखा था। मुजीब ने इसके जरिए साफ संकेत देने की कोशिश की हैं कि वो इसौली से दावेदारी दिखा रहे हैं। हालांकि मुजीब अहमद हाल ही में बसपा छोड़ सपा में शामिल हुये हैं।
तो वही इसौली सीट से पूर्व सांसद ताहिर खां प्रबल दावेदार हैं। उन्होंने क्षेत्र में खासा समय दिया है और जनता में पकड़ भी मजबूत बनाने का दावा भी कर रहे हैं।ठीक इस समय मुजीब की इंट्री और इसौली का उनके द्वारा जिक्र बड़ी बगावत का संकेत दे रही है। उधर मीडिया से बात करते हुए मुजीब अहमद ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जब आदेश किया तब हम समाजवादी पार्टी में आ गए। और हम बसपाई नही हम सपाई बनकर आए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जहां ड्यूटी लगा देंगे हम उसका पालन करेंगे। बसपा छोड़ने पर उन्होंने कहा कि सपा के काम से प्रभावित होकर हमने उसे छोड़ा है। हम काम करने के लिए आए हैं बीजेपी की तरह लोगों को झांसा देने नहीं आए हैं।
साथ ही साथअवगत कराते चले कि मुजीब अहमद राजनीति का कोई बड़ा चेहरा नहीं थे। बीएसपी में भी इनकी उपस्थिति रही हैं और 2017 का विधानसभा चुनाव सुल्तानपुर लड़ चुके हैं और उसी के बाद ये सुर्खियों में आये थे न इसके पहले ना कोई जानता था,न पहचानता था। 2017 का विधानसभा चुनाव इनके लिए संजीवनी बना। वो बसपा से टिकट लेकर सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ने पहुंचे और पानी की तरह पैसा बहाया क्षेत्र में ताबड़तोड़ उनकी गाड़ियां दौड़ीं। तब लोगों ने जाना कि यह मुजीब अहमद हैं। करीब डेढ़-दो महीने तक वो क्षेत्र में डटे रहे। और चुनाव में मिली हार के बाद जब वो गायब हुए तो पांच साल बाद अब सुल्तानपुर फिर वापस लौटे हैं अब देखना ये हैं कि सुल्तानपुर की जनता उनको स्वीकार करती हैं या नहीं।
(संतोष पांडेय)