Suspicious Death of Mahant:अयोध्या के रावत मंदिर में महंराम मिलन दास की हुई संदिग्ध मौत सेविका हिरासत में

अयोध्या के रावत मंदिर में महंत राम मिलन दास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई। पुलिस जहर, पैसों या किसी साजिश की संभावना पर जांच कर रही है। संतों और प्रशासन ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।

Suspicious Death of Mahant Ram Milan Das:अयोध्या स्थित रावत मंदिर में महंत राम मिलन दास की मौत हाल ही में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई। शनिवार शाम लगभग 7 बजे महंत ने भोजन किया, जिसे उनकी लंबे समय से सेवा कर रही सेविका शकुंतला ने परोसा था। भोजन के कुछ ही मिनटों बाद महंत के मुंह से झाग निकलने लगा। शकुंतला ने चिल्लाते हुए बाहर आकर यह घटना लोगों को बताई। आनन-फानन में उन्हें श्रीराम चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी। महंत की अचानक मौत ने मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। शिष्यों और मंदिर के अन्य लोगों का कहना है कि महंत किसी साजिश का शिकार हो सकते हैं। इस घटना ने पूरे धार्मिक समुदाय में चिंता और आशंका पैदा कर दी है।

पुलिस ने सेविका को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की

महंत की मृत्यु के बाद पुलिस ने शकुंतला को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या महंत की मौत किसी की साजिश का नतीजा है या यह प्राकृतिक कारणों से हुई। शिष्यों के अनुसार, महंत ने हाल ही में मंदिर की एक जमीन आठ करोड़ रुपये में बेची थी, जो उनके बैंक खाते में जमा हो गई थी। इसके अलावा पहले से उनके खाते में डेढ़ करोड़ रुपये जमा थे। पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं महंत की हत्या पैसों को लेकर तो नहीं हुई।

भोजन में जहर की संभावना की जांच

महंत के शिष्यों और सेविकाओं का मानना है कि भोजन के तुरंत बाद उनके मुंह से झाग निकलना किसी षडयंत्र का संकेत हो सकता है। शुरुआती जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि भोजन में जहर मिलाया गया हो। पुलिस इस दिशा में भी पूरी तरह से पड़ताल कर रही है और हर संभव सबूत इकट्ठा कर रही है।

महंत का धार्मिक और राजनीतिक संबंध

महंत राम मिलन दास के गुरु राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी संतों में से रहे हैं। उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ से करीबी थी। मुख्यमंत्री अयोध्या दौरे पर कई बार रावत मंदिर पहुंचे और महंत से मुलाकात की। रावत मंदिर का निर्माण गोरखपुर के रावत भीटी गांव के लोगों ने कराया था। यह मंदिर अयोध्या के रामघाट क्षेत्र में स्थित है और स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

पहले के विवाद और शिकायतें

महंत पद को लेकर रावत मंदिर में पहले विवाद हुआ करता था। एक अन्य संत भी महंत बनने का दावा करता था, लेकिन अदालत और समुदाय की सुनवाई के बाद राम मिलन दास को महंत घोषित किया गया। इसके अलावा, लगभग एक साल पहले अंबेडकरनगर की एक महिला ने महंत राम मिलन दास पर शोषण का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन यह आरोप गलत साबित हुआ और महंत को क्लीनचिट मिल गई।

पुलिस और प्रशासन की सक्रियता

महंत की मौत की खबर मिलते ही जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे और एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर अस्पताल पहुंचे। कोतवाल मनोज शर्मा को सभी तथ्यों की जांच करने और निष्पक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस हर संभावित पहलू जैसे पैसों, साजिश और किसी आपराधिक तत्व की मौजूदगी की जाँच कर रही है।

संत और धर्माचार्यों की प्रतिक्रिया

महंत की मृत्यु की खबर फैलते ही कई संत और धर्माचार्य अस्पताल पहुंचे। दिगंबर अखाड़ा के महंत रामलखन दास, वामन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभ शरण, राधामोहन कुंज के महंत सुदर्शन दास सहित अन्य संतों ने कहा कि महंत की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। संतों का मानना है कि महंत की मौत केवल धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

महंत की संपत्ति और बैंक राशि

बताया गया है कि महंत ने लगभग दो महीने पहले मंदिर की जमीन बेच दी थी। इसके बदले उनके बैंक खाते में लगभग आठ करोड़ रुपये आए। पहले से उनके खाते में डेढ़ करोड़ रुपये जमा थे। कुल मिलाकर महंत के खाते में लगभग नौ करोड़ रुपये थे। पुलिस यह भी देख रही है कि क्या इन पैसों को लेकर किसी तरह की साजिश हुई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबंध

महंत राम मिलन दास के गुरु राम दास कोकिल राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार रावत मंदिर आते रहे। महंत राम मिलन दास भी उनके अयोध्या के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे। यह संबंध मंदिर और राजनीतिक दृष्टि दोनों ही दृष्टिकोण से महंत की मौत को और गंभीर बनाता है।

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