Taliban Leader Muttaki India Visit: तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी इस समय भारत दौरे पर हैं। उनके पिछले दौरे में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित न किए जाने पर भारी आलोचना हुई थी। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में केवल पुरुष पत्रकार ही नजर आए थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की छवि पर सवाल उठे।
मुत्तकी ने सफाई देते हुए कहा कि महिला पत्रकारों की गैरमौजूदगी जानबूझकर नहीं थी। उन्होंने इसे “तकनीकी गड़बड़ी” बताया और बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचना कम समय में दी गई थी और केवल सीमित सूची के आधार पर निमंत्रण भेजे गए थे।
महिला शिक्षा पर मुत्तकी के बयान
तालिबान को अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा रोकने के लिए अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ा है। हालांकि, रविवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकार भी मौजूद थीं।
एक पत्रकार ने मुत्तकी से पूछा कि ईरान, सऊदी अरब और सीरिया में लड़कियों को पढ़ने से रोक नहीं लगता, तो अफगानिस्तान में क्यों है। इसके जवाब में मुत्तकी ने कहा
“हम शिक्षा के खिलाफ नहीं हैं। अफगानिस्तान में लगभग एक करोड़ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 28 लाख महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। धार्मिक मदरसों में ग्रेजुएशन से लेकर उच्च स्तर तक की पढ़ाई उपलब्ध है। कुछ क्षेत्रों में रोक लगी है, लेकिन इसे धार्मिक रूप से हराम नहीं बताया गया है। इसे केवल अगले आदेश तक टाल दिया गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान शिक्षा के मामले में पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है और महिलाएं भी शिक्षा के अवसर पा रही हैं।
दानिश सिद्दीकी की मौत पर प्रतिक्रिया
2021 में अफगानिस्तान में पुलित्जर विजेता भारतीय फोटोजर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की हत्या हो गई थी। जब इस पर सवाल किया गया, तो मुत्तकी ने कहा।
“अफगानिस्तान ने पिछले चार दशकों में युद्ध और कब्जे के दौर देखे हैं। इस दौरान पत्रकारों, शिक्षकों और आम नागरिकों ने अपनी जान गंवाई। यह हमारे इतिहास का एक दुखद हिस्सा है। पिछले चार सालों में हमारे शासनकाल में किसी पत्रकार या नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और हम सुरक्षा बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।”
भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर बातचीत
मुत्तकी ने बताया कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रुके हुए विकास कार्यों को फिर से शुरू करने की बात हुई। अफगान राजनयिक जल्द ही भारत में काम शुरू करेंगे।
तालिबान ने चाबहार पोर्ट के माध्यम से व्यापार बढ़ाने, वाघा बॉर्डर खोलने और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने का सुझाव दिया। इसके अलावा अमृतसर और अफगानिस्तान के बीच हवाई सेवाएं भी जल्द शुरू होने की जानकारी दी गई।
पाकिस्तान पर मुत्तकी का बयान
मुत्तकी ने कहा कि तालिबान का पाकिस्तान की जनता से कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर तनाव पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
“हम शांति चाहते हैं, लेकिन अगर बातचीत से हल नहीं निकलता, तो और रास्ते हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान की जमीन पर TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) का कोई ठिकाना नहीं है।
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
महिला पत्रकारों को ना बुलाने के विवाद के बाद भारत सरकार पर भी आलोचना हुई। विपक्ष और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, इंडियन विमेंस प्रेस कॉर्प्स (IWPC) ने इसे भेदभावपूर्ण करार दिया।
हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। विदेश मंत्रालय ने कहा,
“अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत सरकार का कोई लेना-देना नहीं था।”
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस तालिबान के भारत दौरे के दौरान आयोजित हुई और इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की स्वीकार्यता बढ़ाना था।