आंध्र प्रदेश में साइबर अपराध से जुड़ा एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। राज्य की साइबर पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो SIM Box तकनीक के ज़रिए देशभर में लोगों को ठग रहा था। यह नेटवर्क न सिर्फ भारत के कई राज्यों में सक्रिय था, बल्कि इसके तार विदेशों तक जुड़े हुए थे। शुरुआती जांच में करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है, और आने वाले दिनों में इस आंकड़े के और बढ़ने की संभावना है।
आंध्र प्रदेश में करोड़ों का अंतरराष्ट्रीय SIM Box साइबर फ्रॉड नेटवर्क बेनकाब
आंध्र प्रदेश की साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश किया है, जो SIM Box तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दे रहा था। इस मामले की जांच तब शुरू हुई जब Department of Telecommunications ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
जांच के दौरान सामने आया कि यह नेटवर्क देश के भीतर बैठकर विदेशी कॉल्स को लोकल कॉल की तरह दिखाकर लोगों से ठगी कर रहा था।
SIM Box तकनीक क्या होती है?
SIM Box एक खास तरह का डिवाइस होता है, जिसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को स्थानीय मोबाइल नंबरों के ज़रिए रूट करने के लिए किया जाता है।
SIM Box कैसे काम करता है?
विदेश से आने वाली कॉल को सीधे इंटरनेशनल गेटवे से नहीं जोड़ा जाता
कॉल को भारत के लोकल SIM कार्ड्स के ज़रिए दिखाया जाता है
कॉल करने वाले की असली लोकेशन छिप जाती है
लोग समझते हैं कि कॉल भारत से आ रही है
इसी तकनीक का फायदा उठाकर अपराधी:
बैंक फ्रॉड
KYC स्कैम
फर्जी सरकारी कॉल
डिजिटल अरेस्ट जैसे फ्रॉड करते हैं
जांच में क्या-क्या सामने आया?
इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी Andhra Pradesh Police के साइबर क्राइम विंग ने साझा की।
साइबर क्राइम के एसपी Adiraj Singh Rana के अनुसार:
कुल 14 SIM Box डिवाइस का पता चला
सिर्फ आंध्र प्रदेश में ही ₹20 करोड़ से अधिक का साइबर फ्रॉड
वास्तविक रकम इससे कहीं ज्यादा हो सकती है
अभी सभी डिवाइस की फॉरेंसिक जांच पूरी नहीं हुई है
छापेमारी और गिरफ्तारियां
पुलिस ने एक साथ कई जगहों पर छापेमारी कर बड़ा एक्शन लिया।
पुलिस को क्या-क्या मिला?
1,500 से ज्यादा अवैध SIM कार्ड
फर्जी दस्तावेजों पर लिए गए बैंक अकाउंट
कई मोबाइल और तकनीकी उपकरण
गिरफ्तार लोग कौन हैं?
लोकल हैंडलर
SIM कार्ड सप्लायर
खुद को अधिकृत एजेंट बताने वाले लोग
अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
विदेशी कनेक्शन भी आया सामने
जांच में यह भी सामने आया कि इस रैकेट को विदेश से पूरा सपोर्ट मिल रहा था।
एक विदेशी नागरिक को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया
आरोपी भारत आकर SIM Box इंस्टॉल करता था
लोकल लोगों को मशीन चलाने की ट्रेनिंग देता था
फंडिंग और लॉजिस्टिक्स विदेश से मिलते थे
पैसों का लेन-देन कैसे किया जाता था?
अपराधी अपने पैसों को छिपाने के लिए हाई-टेक तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे:
क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिए ट्रांजैक्शन
फर्जी नामों से खुले बैंक अकाउंट
कई लेयर में पैसा ट्रांसफर
SIM Box डिवाइस को गलत जानकारी देकर भारत में मंगाया गया था। इस पूरे मामले की जानकारी कस्टम विभाग के साथ भी साझा की गई है।
आगे क्या कार्रवाई होगी?
अभी सिर्फ 2–3 SIM Box की पूरी फॉरेंसिक जांच हुई है
कई SIM कार्ड अन्य राज्यों में अभी भी सक्रिय हो सकते हैं
कॉल डेटा और बैंक ट्रांजैक्शन की गहन जांच जारी है
आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव
आम लोगों के लिए पुलिस की सलाह
साइबर पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है:
अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर भरोसा न करें
खुद को बैंक या सरकारी अधिकारी बताने वालों से सावधान रहें
किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत शिकायत करें
साइबर हेल्पलाइन और टेलीकॉम पोर्टल का इस्तेमाल करें
FAQs
1. SIM Box स्कैम क्या होता है?
SIM Box स्कैम में विदेशी कॉल को लोकल कॉल दिखाकर लोगों से धोखाधड़ी की जाती है।
2. SIM Box फ्रॉड से सबसे ज्यादा खतरा किसे होता है?
बैंक ग्राहक, वरिष्ठ नागरिक और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने वाले लोग ज्यादा निशाने पर रहते हैं।
3. क्या SIM Box का इस्तेमाल गैरकानूनी है?
हां, बिना अनुमति SIM Box का इस्तेमाल पूरी तरह अवैध है।
4. संदिग्ध कॉल आने पर क्या करें?
कॉल काटें, कोई जानकारी न दें और तुरंत साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज करें।
5. क्या यह फ्रॉड सिर्फ आंध्र प्रदेश तक सीमित है?
नहीं, जांच में इसके कई राज्यों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े होने के संकेत मिले हैं।



