पुणे में ऑनलाइन निवेश के नाम पर 98 लाख की ठगी, शेयर बाजार ऐप से कैसे फंसा निवेशक

पुणे के एक 56 वर्षीय निवेशक से ऑनलाइन शेयर निवेश के नाम पर 98 लाख रुपये की ठगी हुई। फर्जी ग्रुप और ऐप के जरिए भरोसा जीतकर पैसे ट्रांसफर कराए गए। साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

Online scam

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ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादा रिटर्न का लालच देकर साइबर अपराधी आम लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला महाराष्ट्र के Pune से सामने आया है, जहां एक निजी कंपनी में काम करने वाले 56 वर्षीय व्यक्ति ने शेयर बाजार में मोटे मुनाफे के वादे पर भरोसा कर करीब 98 लाख रुपये गंवा दिए। पीड़ित ने अब इस पूरे मामले की शिकायत Pimpri Chinchwad Cyber Police में दर्ज कराई है।

क्या है मामला?

थेरगांव क्षेत्र में रहने वाले पीड़ित को सितंबर महीने में एक मोबाइल मैसेजिंग ग्रुप में जोड़ा गया। इस ग्रुप का नाम एक जानी-मानी निवेश कंपनी जैसा था, जिससे व्यक्ति को इसकी सच्चाई पर शक नहीं हुआ। ग्रुप में शेयर बाजार में निवेश पर 15 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न का दावा किया जा रहा था।

ठगी कैसे की गई

फर्जी निवेश ग्रुप और ऐप

पैसे ट्रांसफर का सिलसिला

पैसे निकालने की कोशिश में खुला राज

पुलिस जांच और अन्य मामले

पुलिस के मुताबिक, हाल के हफ्तों में इस तरह की ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी के कई मामले सामने आए हैं।

इन सभी मामलों में तरीका लगभग एक जैसा पाया गया है।

साइबर पुलिस की सलाह

निवेश से पहले बरतें ये सावधानियां

FAQs

1. ऑनलाइन निवेश ठगी क्या होती है?

जब ठग फर्जी ऐप, वेबसाइट या ग्रुप के जरिए ज्यादा मुनाफे का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं, उसे ऑनलाइन निवेश ठगी कहा जाता है।

2. क्या ज्यादा रिटर्न का दावा हमेशा धोखाधड़ी होता है?

हर बार नहीं, लेकिन अगर रिटर्न असामान्य रूप से ज्यादा और गारंटीड बताया जाए, तो सतर्क हो जाना चाहिए।

3. ठगी का शक होने पर क्या करें?

तुरंत निवेश रोकें, सभी सबूत संभालें और नजदीकी साइबर पुलिस या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।

4. क्या फर्जी ट्रेडिंग ऐप पहचानना संभव है?

हां, अगर ऐप सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्थानों से जुड़ा न हो, रिव्यू संदिग्ध हों और कंपनी की जानकारी स्पष्ट न हो, तो सावधान रहें।

5. क्या बैंक पैसे वापस दिला सकता है?

शिकायत जल्दी दर्ज होने पर कुछ मामलों में रकम फ्रीज हो सकती है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होती।

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