अभी तक किसी भी आधिकारिक दस्तावेज़ या कंपनी स्टेटमेंट में भारत, खासकर हिमालयी क्षेत्रों के लिए कोई तय तारीख या साल घोषित नहीं किया गया है। यानी फिलहाल “कब से सेवा शुरू होगी” का सीधा और पक्का टाइमलाइन उपलब्ध नहीं है।
1. अभी क्या स्टेटस है?
BlueBird Block‑2 फिलहाल एक कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट के रूप में सिर्फ कक्षा में तैनात हुआ है; इसकी ऐन्टेना डिप्लॉयमेंट, टेस्टिंग और कैलिब्रेशन के बाद ही इसे कॉन्स्टेलेशन में जोड़ा जाएगा।
News18 और ISRO मिशन नोट्स के अनुसार, कॉमर्शियल रोलआउट “कितने सैटेलाइट और ग्राउंड गेटवे तैयार हैं” और “किस देश से रेगुलेटरी मंजूरी मिलती है”, इन पर निर्भर करेगा। कोई देश‑विशिष्ट तारीख नहीं दी गई है।
2. भारत के लिए संकेत क्या हैं?
AST SpaceMobile ने जून 2025 में Vodafone Idea (Vi) के साथ भारत में डायरेक्ट‑टू‑फोन सैटेलाइट सर्विस के लिए बड़ा पार्टनरशिप एग्रीमेंट किया है, जिसका लक्ष्य दूरदराज इलाकों – यानी पहाड़ी, ग्रामीण और सीमा क्षेत्रों – में 4G/5G कनेक्टिविटी देना है।
इस पार्टनरशिप से अनुमान लग सकता है कि भारत, खासकर नेटवर्क‑डार्क ज़ोन, शुरुआती ग्लोबल फेज़ों में प्रायोरिटी पर होंगे, लेकिन न कंपनी और न ही ISRO ने हिमालयी रीजन के लिए कोई “2026 / 2027” जैसी तारीख सार्वजनिक नहीं की है।
3. अनुमान
AST SpaceMobile खुद कह रही है कि BlueBird कॉन्स्टेलेशन की कॉमर्शियल सर्विस अतिरिक्त सैटेलाइट लॉन्च, गेटवे तैयार होने और अलग‑अलग देशों की मंजूरी के बाद ही शुरू होगी।
सामान्य सैटकॉम प्रोजेक्ट्स के अनुभव के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत‑जैसे बाज़ारों तक फुल‑फ्लेज्ड सर्विस पहुँचने में कम से कम कुछ साल लगेंगे, लेकिन यह सिर्फ विश्लेषण है, आधिकारिक टाइमलाइन नहीं।



