ByteDance TikTok AI phone Nubia M153: TikTok की पैरेंट कंपनी बाइटडांस ने चीनी स्मार्टफोन मेकर ZTE के साथ साझेदारी में अपना पहला ‘एजेंटिक AI फोन’ नूबिया M153 चीन में लॉन्च कर दिया है, जिसकी खासियत यह है कि यह बिना हाथ लगाए या स्क्रीन को टच किए सारे टास्क ऑटोमेटिकली पूरा करता है। यह डिवाइस Google Assistant या Siri जैसे पारंपरिक वॉयस असिस्टेंट से एक कदम आगे है। फोन में बाइटडांस का अपना AI एजेंट ‘Doubao’ इंटीग्रेटेड है, जिसे चीन का ChatGPT कहा जा रहा है। Doubao फोन की स्क्रीन को ‘देख’ और ‘समझ’ सकता है और ऐप्स को बिल्कुल इंसान की तरह ऑपरेट करता है।
डेमो वीडियो में देखा गया कि यूजर के सिर्फ एक वॉयस कमांड पर AI एजेंट खुद से ई-कॉमर्स ऐप खोलकर सबसे सस्ता फोन ढूंढता है, चुनता है, और ऑर्डर प्लेस कर देता है। हालाँकि, प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं के कारण कंपनी को जल्दी ही इस AI एजेंट के प्राइवेट फंक्शन्स तक एक्सेस को सीमित करना पड़ा है। इस पहल ने स्मार्टफोन की दुनिया में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि AI एजेंट कितना मददगार और कितना इनवेसिव हो सकता है।
This company (ByteDance) figured out the easiest way to harvest all your personal data and take charge of your digital life. With this mobile device powered by their AI program Doubao, you'll no longer be communicating with your friends, but with this AI. https://t.co/tLRZcy0eR6
— Ting 🔆🪻 💭 Amarok Creator (@crea_tiffany) December 7, 2025
AI फोन की खासियतें: Doubao कैसे करता है ‘ऑटोमेटिक टास्क हैंडलिंग’?
नूबिया M153, जो कि एंड्रॉइड के कस्टमाइज्ड वर्जन पर चलता है, Doubao AI एजेंट के साथ गहराई से इंटीग्रेटेड है। यह AI एजेंट फोन को एक नया ऑपरेशनल आयाम देता है:
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विजुअल परसेप्शन: Doubao सिर्फ वॉयस कमांड नहीं सुनता, बल्कि वह स्क्रीन पर मौजूद इंटरफेस को विजुअली परसेप्ट करता है। यानी, वह जानता है कि किस ऐप का आइकन कहाँ है और कौन सा बटन क्या काम करता है।
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वन-कमांड-टास्क: यूजर को बस एक वॉयस कमांड देना होता है, जैसे “मेरी यात्रा के लिए ट्रेन टिकट बुक कर दो।” इसके बाद AI खुद टिकटिंग ऐप खोलेगा, डिटेल्स भरेगा और बुकिंग पूरी करेगा। यह कॉल करने, मैसेज टाइप करने या ईमेल भेजने जैसे काम भी बिना टच के कर सकता है।
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रियल-टाइम वॉयस इंटरैक्शन: Doubao एक स्पीच-टू-स्पीच सिस्टम का उपयोग करता है जो फटाफट जवाब देता है। यूजर बातचीत के बीच में AI को इंटरप्ट भी कर सकता है, जिससे यह अनुभव किसी दोस्त से बात करने जैसा लगता है।
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डेवलपर फोकस: यह फोन 490 डॉलर (लगभग 41,000 रुपये) में डेवलपर्स के लिए एक इंजीनियरिंग प्रोटोटाइप के तौर पर लॉन्च हुआ और तुरंत बिक गया।
प्राइवेसी पर हंगामा: फीचर्स को सीमित करना पड़ा
इस पावरफुल ‘एजेंटिक AI’ की लॉन्चिंग के साथ ही प्राइवेसी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
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डेटा सुरक्षा: यूजर्स और एक्सपर्ट्स ने यह चिंता जताई कि इतना सक्षम AI एजेंट प्राइवेट डेटा—जैसे मैसेज, कॉन्टैक्ट्स और पेमेंट डिटेल्स—को कैसे संभालेगा, और क्या इससे डेटा लीक का खतरा नहीं है।
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बैकेलेश: बढ़ते विरोध के बाद, बाइटडांस को Doubao के उन फंक्शन्स तक एक्सेस को तुरंत लिमिट करना पड़ा, जो यूजर के निजी डेटा तक पहुँचते थे। कंपनी ने सफाई दी कि “यूजर इंफॉर्मेशन की सिक्योरिटी हमारी टॉप प्रायोरिटी है।”
यह घटना दर्शाती है कि AI फोन्स का भविष्य रोमांचक होते हुए भी, यूजर ट्रस्ट जीतना सबसे बड़ी चुनौती है।
इंडस्ट्री इम्पैक्ट: क्या यह iPhone को देगा चुनौती?
बाइटडांस का यह AI फोन ऐप्पल के Siri या गूगल के वॉयस असिस्टेंट जैसे मौजूदा सिस्टम को सीधे चुनौती देता है।
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जहां Siri सिर्फ कमांड फॉलो करता है, वहीं Doubao फोन को ‘इंसान की तरह’ उपयोग करने की क्षमता रखता है।
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बाइटडांस की योजना खुद फोन बनाने की नहीं, बल्कि अपने Doubao AI को दूसरे स्मार्टफोन निर्माताओं को लाइसेंस देने की है, जिससे AI एजेंट तकनीक का व्यापक प्रसार हो सके।
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एक्सपर्ट्स इसे AI फोन्स का भविष्य मान रहे हैं, लेकिन यह तकनीक तभी सफल होगी जब प्राइवेसी से जुड़े सवालों का संतोषजनक समाधान निकल जाए।
