Future Solar Paint Technology:आने वाले समय में आपके घर की दीवारें सिर्फ सजावट ही नहीं, बल्कि बिजली का स्रोत भी बन जाएंगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मैटेरियल साइंस के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अनोखा ऑर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल तैयार किया है, जिसे बिल्कुल पेंट की तरह दीवारों पर लगाया जा सकेगा। यह पेंट सूरज की रोशनी को अवशोषित कर बिजली बना देगा।
वैज्ञानिक वर्तमान में इसकी मजबूती और टिकाऊपन की जांच कर रहे हैं। जैसे ही यह टेस्टिंग सफल होती है, इसे सामान्य पेंट की तरह बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है।
सोलर एनर्जी को बढ़ावा, लेकिन कचरे की चुनौती भी
सरकार लगातार सोलर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं चला रही है। बड़े सोलर पार्क और घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन पर्यावरण विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पुराने और खराब सोलर पैनल आने वाले समय में भारी मात्रा में कचरा पैदा करेंगे। यह पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। इसलिए नई, हल्की, और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों की जरूरत लगातार बढ़ रही है।
ऑर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल, पारंपरिक पैनलों का विकल्प
इसी जरूरत को देखते हुए वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम ऑर्गेनिक फ्लेक्सिबल सोलर सेल पर काम कर रही है। टीम में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो. रविंद्र धर, रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट बंगलूरू के प्रो. संदीप कुमार और नेशनल फिजिकल लैब दिल्ली की प्रो. रितु श्रीवास्तव शामिल हैं। ये सभी मिलकर इस तकनीक को वास्तविक उपयोग में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
लिक्विड क्रिस्टल से बना सोलर पेंट
प्रो. रविंद्र धर ने ‘डिस्कॉटिक लिक्विड क्रिस्टल मटेरियल’ से सोलर सेल बनाने का तरीका खोजा है। यह मटेरियल तरल और क्रिस्टल दोनों के गुण रखता है। तरल होने के कारण इसे आसानी से पेंट की तरह फैलाया जा सकता है, और क्रिस्टल संरचना बिजली के प्रवाह को व्यवस्थित रखती है। इसी कारण इसे सोलर सेल के लिए एक मजबूत विकल्प माना जा रहा है। अभी इसकी टिकाऊ क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है, और जल्द ही इसका बेहतर और ज्यादा मजबूत संस्करण बाजार में आ सकता है।
1999 से शुरू सफर, अब 15% क्षमता का प्रोटोटाइप तैयार
इस शोध की शुरुआत वर्ष 1999 में जर्मनी में हुई थी, जहां सिर्फ 2% क्षमता वाला लिक्विड सोलर सेल बनाया गया था। आज प्रो. धर ने इसे बढ़ाकर 15% क्षमता के स्तर तक पहुंचा दिया है। इसका 6% तक सफल ट्रायल भी किया जा चुका है। यह क्षमता मौजूदा इनऑर्गेनिक पैनलों (18–20%) के काफी करीब है।
दीवारें, छतें या मुड़ी सतहें – हर जगह बिजली
यह नया ऑर्गेनिक सोलर पेंट सीधे दीवारों पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा, इसकी पतली शीटें तैयार की जा सकती हैं जिन्हें छतों, खंभों या किसी भी घुमावदार सतह पर आसानी से फिट किया जा सकेगा। यानी भविष्य में बिजली बनाना और भी सरल और किफायती हो जाएगा।
