जानिए कैसे लीक हो जाते हैं आपके पासवर्ड, हैकर्स के तरीके जो कर सकते हैं आपकी ऑनलाइन सुरक्षा ध्वस्त

आज के डिजिटल युग में हमारी अधिकांश निजी और पेशेवर जानकारी ऑनलाइन संग्रहीत होती है। बैंकिंग, सोशल मीडिया, ईमेल और शॉपिंग अकाउंट जैसी सभी सेवाओं तक पहुंच पाने के लिए हम पासवर्ड का उपयोग करते हैं।

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Tech News : आजकल हमारी ज़िंदगी का बड़ा हिस्सा ऑनलाइन हो चुका है – चाहे वह निजी जानकारी हो या पेशेवर डेटा। बैंकिंग, सोशल मीडिया, ईमेल और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंच के लिए हम पासवर्ड पर निर्भर रहते हैं। लेकिन यही पासवर्ड अगर गलत हाथों में चले जाएं, तो हमारी सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराने लगता है। हैकर्स कई तरह की तरकीबों से पासवर्ड चुरा सकते हैं और उनका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानें कि आखिर पासवर्ड लीक कैसे होते हैं और साइबर अपराधी कैसे हमें निशाना बनाते हैं।

1. फिशिंग अटैक (Phishing Attack)

फिशिंग सबसे आम और प्रभावी तरीका है, जिसमें साइबर अपराधी नकली वेबसाइट्स, ईमेल या मैसेज के ज़रिए लोगों को धोखे में डालते हैं। जैसे ही आप किसी लिंक पर क्लिक करते हैं और अपनी लॉगिन जानकारी डालते हैं, वह सीधे हैकर के पास पहुंच जाती है। उदाहरण के तौर पर, आपको ऐसा ईमेल आ सकता है जो बिल्कुल बैंक या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसा दिखे और आपसे पासवर्ड रीसेट या अकाउंट वेरिफिकेशन की मांग करे।

2. डेटा ब्रीच (Data Breach)

कई बार बड़ी कंपनियों के सर्वर पर साइबर हमला होता है, जिससे लाखों यूज़र्स की संवेदनशील जानकारियां लीक हो जाती हैं। इनमें ईमेल, यूज़रनेम और पासवर्ड शामिल होते हैं। यदि आपने भी ऐसी किसी वेबसाइट पर अकाउंट बनाया है जो ब्रीच का शिकार हुई है, तो आपकी जानकारी भी खतरे में हो सकती है।

3. कीलॉगर मालवेयर (Keylogger Malware)

कीलॉगर एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो आपके कीबोर्ड पर टाइप की गई हर चीज़ को रिकॉर्ड करता है। जैसे ही आप कोई पासवर्ड टाइप करते हैं, यह मालवेयर उसे सेव करके हैकर को भेज देता है। यह आमतौर पर संदिग्ध लिंक, पायरेटेड सॉफ़्टवेयर या संक्रमित वेबसाइट्स के ज़रिए आपके सिस्टम में प्रवेश करता है।

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4. ब्रूट फोर्स हमला (Brute Force Attack)

इस तकनीक में हैकर पासवर्ड का अनुमान लगाने के लिए सभी संभावित अक्षर और नंबरों के संयोजन का इस्तेमाल करता है। यदि आपका पासवर्ड सरल और सामान्य है – जैसे “123456” या “password123” – तो उसे तोड़ना बेहद आसान हो जाता है। इसलिए जटिल और यूनिक पासवर्ड बनाना ज़रूरी है।

5. पब्लिक वाई-फाई का जोखिम

कैफे, मॉल या एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर मौजूद फ्री पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क पर इंटरनेट चलाना सुविधाजनक लग सकता है, लेकिन यह आपकी गोपनीयता के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे नेटवर्क्स असुरक्षित होते हैं और हैकर्स आसानी से ट्रैफिक को इंटरसेप्ट कर सकते हैं। अगर आपने लॉगिन डिटेल्स डालीं, तो वे चोरी हो सकती हैं।

अपनी डिजिटल सुरक्षा के लिए ये कदम उठाएं:

डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए सतर्क रहना और सही साइबर आदतें अपनाना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बन चुका है।

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