Crypto Market: जियो कॉइन की चर्चा पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हो रही है। रिलायंस जियो ने हाल ही में पॉलीगॉन लैब्स के साथ साझेदारी की घोषणा की, जिसके बाद जियो कॉइन को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। क्या यह सच में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में जियो की एंट्री हो सकती है फिलहाल कंपनी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन इंटरनेट पर इसकी चर्चा तेजी से बढ़ रही है। तो आइए जानते हैं, अगर जियो कॉइन आता है, तो यह आपके लिए कितना फायदेमंद हो सकता है।
जियो कॉइन की चर्चा क्यों हो रही है
रिलायंस जियो ने पॉलीगॉन के साथ मिलकर जियो कॉइन प्रोग्राम में Web3 टेक्नोलॉजी को शामिल किया है। Web3 तकनीक यूजर्स को उनके डेटा पर ज्यादा कंट्रोल देती है। इसमें ब्लॉकचेन, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, डिजिटल एसेट्स, क्रिप्टोकरेंसी, और NFT जैसी नई तकनीकों का सपोर्ट किया जाता है। इसके जरिए यूजर्स को ज्यादा सिक्योर और बेहतर डिजिटल एक्सपीरियंस मिलेगा। हालांकि, जियो ने अभी तक इस बात का कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, फिर भी सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब बातें हो रही हैं।
जियो कॉइन के आने पर क्या चुनौतियां हो सकती हैं
अगर जियो कॉइन मार्केट में आता है, तो उसकी राह आसान नहीं होगी। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी काफी सख्ती है। सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स लगाने का फैसला लिया है और नुकसान की भरपाई के बिना 1% TDS (Tax Deducted at Source) की कटौती भी है। ऐसे में, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना अब थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इससे जियो कॉइन को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
जियो कॉइन कितना फायदेमंद हो सकता है
जियो कॉइन को जियो ऐप से जोड़ा गया है, जो यूजर्स के फोन नंबर से लिंक होता है। इससे जियो यूजर्स को अपने डिजिटल एक्सपीरियंस को और बेहतर बनाने का मौका मिलेगा। जियो कॉइन का उपयोग मोबाइल रिचार्ज या रिलायंस गैस स्टेशन पर हो सकता है। जियो ऐप पर जितना ज्यादा यूजर एक्टिव रहेगा, उतने ही जियो कॉइन जीतने का मौका मिलेगा। ये सभी टोकन Web3 वॉलेट में जमा होते रहेंगे, जिससे यूजर्स को जियो की सर्विसेज पर डिस्काउंट और स्पेशल कंटेंट जैसे कई बेनिफिट्स मिल सकते हैं।