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आर्मी की समस्याओ को सुलझाने के लिए भारत में आया पहला कंप्यूटर, जानें...

आर्मी की समस्याओ को सुलझाने के लिए भारत में आया पहला कंप्यूटर, जानें पूरी कहानी

दुनिया स्मार्ट हो रही है भई। स्मार्ट होगी भी क्यों नहीं। भारत में आये दिन नई-नई टेक्नोलॉजी जो आ रही है। इन टेक्नोलॉजी में से एक है.कम्प्यूटर (COMPUTER ) और स्मार्ट फ़ोन। आज के दौर में छोटे -छोटे बच्चे से लेकर बड़े बुजुर्ग तक सभी फ़ोन का प्रयोग करते है। शहर ही नहीं बल्कि गावों में भी अब घर- घर में बड़े बुजुर्ग आपको फ़ोन का प्रयोग करते नजर आएगे।

डिजिटल कंप्यूटर

आज के इस दौर में हमारा जीवन कंप्यूटर एवं स्मार्टफोन पर बहुत हद तक आधारित हो चुका है। हम अपने निजी जीवन एवं अपने प्रोफेशनल आवश्यकताओं को आसान बनाने के लिए कंप्यूटर एवं स्मार्टफोन का प्रयोग करते हैं। आज की अगर हम बात करे तो डिजिटल कंप्यूटर आ चुके है। लैपटॉप भी आ चुके है पर ये नई टेक्नोलॉजी हैलेकिन जब कंप्यूटर की शुरुआत हुई तब कंप्यूटर बिलकुल ही अलग होते थे. उस समय कंप्यूटर आज के जैसे नहीं होते थे। वे कंप्यूटर आकार में काफी बड़े हुआ करते थे। कंप्यूटर से संबधित प्रश्न आजकल परीक्षाओ में भी पूछे जाते है तो चलो दोस्तों आज हम बात कर लेते है.कि विश्व में पहला कंप्यूटर कब आया और वो दिखता कैसा था।

विश्व में पहला कम्प्यूटर

विश्व में पहला कम्प्यूटर सन 1940 में बना था। हमारे देश भारत द्वारा सन 1956 में पहली बार कम्प्यूटर खरीदा गया था। उस समय इस कम्प्यूटर की कीमत ₹10 लाख थी। भारत के पहले कंप्यूटर का नाम एच ec2m था। विश्व में कंप्यूटर का निर्माण दो व्यक्तियों ने मिलकर किया है । जिसमें से एक है जॉन प्रेसपर एकार्ट, और दूसरे का नाम है जॉन विलियम मचली। इन दोनों ने मिलकर विश्व का पहला कंप्यूटर निर्मित किया था। जिस वक्त यह कंप्यूटर बना था तब इसकी कीमत $500000 तय की गई थी।

आर्मी की समस्याओं को सुलझाने

और हाँ विश्व में कंप्यूटर का निर्माण आर्मी की समस्याओं को सुलझाने के लिए किया था।उस वक्त आर्मी बैलेस्टिक एवं आर्टिलरी ट्रैजेक्टरी की कैलकुलेशन करने में परेशानी का सामना करना पड़ता था। रोजाना हजारों गणितज्ञ मैथमेटिकल ऑपरेशन यह गणना किया करते थे। सन 1943 में सरकार द्वारा एक कॉन्टेस्ट आयोजित किया गया जिसमें लोगों को इस तरह का डिवाइस के आविष्कार का निर्देश दिया गया जिसके द्वारा कैलकुलेशन सही और कम समय में हो सके।

पहला पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer)

पहला पर्सनल कम्प्यूटर (Personal Computer) का निर्माण आईबीएम (International Business Machines) ने सन 1975 में किया था। यह माइक्रोप्रोसेसर टेक्नोलॉजी थी इसको स्पेशली घर या ऑफिस में इस्तमाल करने के लिए डिजाइन किया गया था। यह आकार में छोटा और कीमत में सस्ता हुआ करता था। भारत में आए पहले कंप्यूटर का नाम TIFRAC यानि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ऑटोमेटिक केलकुलेटर था।

प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी

कंप्यूटर को ये नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने दिया था। इस कंप्यूटर ने सन 1956 में कार्य करना शुरू किया था और सन 1965 तक इसने काम किया था। और फिर सन 1966 में भारत का पहला कंप्यूटर विकसित हुआ था। इसे ISIJU नाम से जाना जाता है। इस कंप्यूटर को भारतीय सांख्यिकी संस्थान इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट (Indian Statistical Institute) एवं जावेदपुर यूनिवर्सिटी (Jadavpur University) ने मिलकर के तैयार किया था। इसीलिए इसका नाम आईएसआईजेयू पड़ा था। इस कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर भी था।

इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी भारत का भविष्य

उस समय राजीव गांधी ने घर घर में कंप्यूटर एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी इन्होने देश में दो बड़ी टेलीकॉम कंपनी भी शुरू की थी। इसके अलावा 1998 में भारत सरकार ने यह घोषित किया कि इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी भारत का भविष्य होगी।

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