सच में गोपनीय है आपका WhatsApp? जानिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का असली सच!

व्हाट्सऐप चैट्स भले ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित होती हैं, लेकिन बैकअप, थर्ड-पार्टी ऐप्स और अनजाने ग्रुप्स के कारण आपकी प्राइवेसी खतरे में आ सकती है।

Whatsapp Chat

Whatsapp Chat : सुबह की गुड मॉर्निंग मैसेज से लेकर दफ्तर की जरूरी फाइलें शेयर करने तक—हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी WhatsApp के इर्द-गिर्द ही घूमती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि जिस चैटिंग को आप इतनी आसानी से करते हैं, वह सच में कितनी सुरक्षित है?WhatsApp अक्सर अपने ‘एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन’ फीचर का ज़िक्र करता है। इसका मतलब ये है कि आपके भेजे हुए मैसेज को सिर्फ आप और जिसे आपने मैसेज भेजा है, वही पढ़ सकते हैं। बीच का कोई व्यक्ति—even WhatsApp भी—आपकी चैट को एक्सेस नहीं कर सकता। ये सुनने में बहुत भरोसेमंद लगता है, लेकिन असली सुरक्षा की कहानी इससे थोड़ी और गहरी है।

बैकअप – एक कमजोर कड़ी

जब आप अपनी चैट्स का बैकअप Google Drive या iCloud में सेव करते हैं, तो वहां पहले ये एन्क्रिप्शन लागू नहीं होता था। यानी अगर कोई आपके क्लाउड अकाउंट में घुस जाए, तो आपकी पुरानी चैट्स पढ़ी जा सकती थीं। अब WhatsApp ने बैकअप एन्क्रिप्शन का ऑप्शन जरूर दिया है, लेकिन यह अपने-आप ऑन नहीं होता—यूज़र को इसे मैनुअली चालू करना पड़ता है, जो अक्सर लोग भूल जाते हैं। कई बार लोग ऐसे ऐप्स इंस्टॉल कर लेते हैं जो दावा करते हैं कि वे WhatsApp को नया लुक देंगे या एक्स्ट्रा फीचर्स देंगे।

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 लेकिन इन ऐप्स की आड़ में आपकी चैट्स पर नजर रखी जा सकती है। खासकर जब आपका फोन रूट या जेलब्रेक किया गया हो, तो सिक्योरिटी और भी कमजोर हो जाती है। हम कई बार बिना सोचे-समझे किसी भी ग्रुप में शामिल हो जाते हैं। अगर उस ग्रुप में किसी एक व्यक्ति का फोन सुरक्षित न हो, तो आपकी भेजी गई जानकारी दूसरों के हाथ लग सकती है। इसलिए सोच-समझकर ग्रुप का चुनाव करें और क्या शेयर कर रहे हैं, इस पर खास ध्यान दें।

अपनी चैट्स को सुरक्षित रखने के कुछ आसान उपाय

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